हिंदी दिवस पर हमने ठाना है, लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है, हम सब का अभिमान है हिंदी, भारत देश की शान है हिंदी ।।

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हिन्दी दिवस – हिन्दी के ऐतिहासिक अवसर को याद करने के लिये हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। इसको हिन्दी दिवस के रुप में मनाना शुरु हुआ था क्योंकि वर्ष 1949 में 14 सितंबर को संवैधानिक सभा के द्वारा आधिकारिक भाषा के रुप में देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को स्वीकृत किया गया था।

हिन्दी दिवस

ऑक्सफोर्ड के 2019 के संस्करण में हिंदी के शब्द ‘चड्डी’ को जोड़ा है। ठीक इसी प्रकार वर्ष 2017 में करीब 50 हिंदी के शब्दों को अंग्रेजी कि क्षेणी में जोड़ा था। यह दर्शाता है कि हिंदी बोलने वालों कि तादात में वृद्धि हुई है।

प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित एक फिजी नाम के देश कि आधिकारिक भाषा हिंदी को घोषित किया गया है।

राजभाषा सप्ताह क्या है? (Hindi Diwas Week)

राजभाषा सप्ताह 14 सिंतबर (हिंदी दिवस) से 20 सितम्बर तक मानाया जाता है। इसका उद्देश्य हिंदी का प्रचार-प्रसार करना और आम लोगो के मध्य हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देना है। राजभाषा सप्ताह के दौरान विद्यालयों और सरकारी कार्यलयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। एक प्रकार से देखा जाये तो यह हिंदी की महत्ता को समझने-समझाने का समय होता है।

हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है ?

देश में हिन्दी भाषा की महत्ता को प्रदर्शित करने के लिये पूरे भारत में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। भारत में हिन्दी भाषा का बड़ा इतिहास है जो इंडों-यूरोपियन भाषा परिवार के इंडों-आर्यन शाखा से संबद्ध रखता है। भारत की सरकार ने देश की आजादी के बाद मातृभाषा को आर्दश के अनुरुप बनाने के लिये एक लक्ष्य बनाया अर्थात हिन्दी भाषा को व्याकरण और वर्तनीयुक्त करने का लक्ष्य। इसे भारत के अलावा मॉरीशस, पाकिस्तान, सुरीनाम, त्रिनिदाद और कुछ दूसरे देशों में भी बोली जाता है। इसे 258 मिलीयन लोगों द्वारा मातृभाषा के रुप में बोली जाती है और ये दुनिया की 5वीं लंबी भाषा है।

14 सितंबर प्रत्येक वर्ष एक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है,क्योंकि भारत की संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा (देवनागरी लिपि में लिखित) भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाई गई थी। हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करने का निर्णय भारत के संविधान द्वारा (जो 1950 में 26 जनवरी को प्रभाव में आया है) वैध किया गया था। भारतीय संविधान के अनुसार, देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी भाषा को पहले भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अनुच्छेद 343 के तहत अपनाया गया था।

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