जिले के कोयलांचल क्षेत्र कहे जाने वाले भटगांव थाना क्षेत्र में इन दिनों फिर से बड़े पैमाने पर कोयला की चोरी व वाहनों में डालने वाले ईंधन डीजल की चोरी बड़े पैमाने पर अपराधियों को पुलिस का सह प्राप्त।

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कौशलेंद्र यादव सूरजपुर। जिले के कोयलांचल क्षेत्र कहे जाने वाले भटगांव थाना क्षेत्र में इन दिनों फिर से बड़े पैमाने पर कोयला की चोरी व वाहनों में डालने वाले ईंधन डीजल की चोरी बड़े पैमाने पर पुलिस के सह में चल रहा है।

जानकारी के अनुसार भटगांव थाना क्षेत्र में कोयला खनन सहित अन्य कार्यों में एसईसीएल की इंधन आवश्यकता पर हर महीने कई करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। एसईसीएल अपने स्तर पर विभिन्न ईंधन कंपनियों से डीजल खरीद रही है. खबर है कि जिले के भटगांव खदानों से लगातार डीजल की चोरी हो रहा है। आंकलन है कि हर दिन में हजारों लीटर डीजल चोरी, हजारों टन कोयला की चोरी हो रहा है। इससे कंपनी को नुकसान हो रहा है और सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

एसईसीएल की खदानों में इस तरह का काम काफी समय से चल रहा है. कोल इंडिया के द्वारा दिए गए उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए एसईसीएल को द्रुत गति से काम करना है.भारी भरकम संसाधन देने के साथ संचालन के लिए काफी मात्रा में डीजल की खपत यहां पर होती है. विभागीय वाहनों में प्रतिदिन उपयोग में आने वाले डीजल की मात्रा का काफी हिस्सा चोरों की भेंट चढ़ रहा है.

महान एक क्षेत्र की खदानें चोरों के निशाने पर हैं. इस तरह का प्रदर्शन कई बार हो चुका है. खदानों के आसपास के कई लोग चोरी के काम में जुटे हुए है। यहां से चोरी होने वाले डीजल, कोयला विभिन्न क्षेत्रों में बेचा जा रहा है, ऐसे दावे किये जा रहे हैं.

जानकारों का कहना है कि अकेले खदान से ही हर दिन लगभग हजारो लीटर डीजल की चोरी , हजारों टन कोयला की चोरी हो रही है। अन्य क्षेत्रों की खदानों में भी ऐसा ही काम चल रहा है. इससे एसईसीएल को हो रहे नुकसान का आंकलन आसानी से किया जा सकता है.

पुलिस के विभागीय सूत्र बताते हैं कि ऐसे चोरों को कई बार पकड़ा भी गया है लेकिन लेन- देन करके छोड़ दिया जाता है जिससे इनका हौसला हमेशा ही बुलंद रहता है, भटगांव थाना में पदस्थ थाना प्रभारी लंबे समय से अंगद की पाँव के माफीक जमे हुए है।

जानकारो की माने तो थाना प्रभारी सहित पदस्थ पुलिस के कर्मचारी कोयला, डीजल चोरी के वारदात में संलिप्त है। जो कि थाना प्रभारी के महीने में मिलने वाले लिफाफा के कारण तस्करों को खुली छूट दे रखी गई है। ऐसे में एक ही थाना में लंबे समय से पदस्थ थाना प्रभारी के रिश्ते अवैध माफियाओं से बेहतर सम्बद्ध है। जिस कारण बड़ी कार्यवाही करने में हाथ पांव फूलने लगते है। जिस पर पुलिस विभाग के बड़े अफसरों की साठ गाठ से इंकार नही किया जा सकता है। बरहाल थाना प्रभारी के तबादला होने के बाद ही कोयला, डीजल चोरी में अंकुश लग सकता है।

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