गौठान से मिली तरक्की की नयी राह

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शुभम शुक्ला

रायपुर महिलाओं को गौठानों से तरक्की की नई राह मिल गई है। कुछ महीनों तक रोजगार के अभाव में आर्थिक तंगी से जूझ रही बिलासपुर जिले की ग्राम परसदा की महिलाओं पर यह कहावत सही साबित हो रही है। ग्राम परसदा की गौठान में जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की 10 महिलाएं जैविक खाद बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। साथ ही गांव की अन्य महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। शासन द्वारा समूह की 10 महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है। प्रशिक्षित होने के बाद अब ये महिलाएं खाद का उत्पादन कर रही हैं, जिससे उनके जीवन में आर्थिक समृद्धि आ रही है।
जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्होंने 56 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया और उसमें से 36 क्विंटल खाद की बिक्री भी कर ली है। खाद बेचने से उन्हें 33 हजार रूपये प्राप्त हुए हैं। खाद की खरीदी उद्यानिकी विभाग द्वारा की गई है। अब समूह की महिलाओं ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर से खाद बनाना शुरू कर दिया है। पूर्व में गोबर कम मात्रा में मिलने से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा था लेकिन अब गोधन न्याय योजना के लागू होने से पर्याप्त मात्रा में गोबर मिल रहा है। राज्य शासन की गोधन न्याय योजना से यहां की महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और भविष्य में इस योजना से और अधिक तरक्की करने की नयी आस उनमें जगी है। राज्य शासन को धन्यवाद देते हुए समूह की महिलाएं कहती है कि इन योजनाओं के चलते ही अब वे किसी पर आर्थिक रूप से निर्भर नहीं है।

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