रायपुर प्रशान्त पाण्डेय – छत्तीसगढ़ में जंगलराज सा प्रतीत होता है, पत्रकारों पर हमले, पत्रकारों पर झूठे मामले गड़ना पुलिस की शान और शौकत में शामिल हो चुकी है, इसी बीच पत्रकार मनीष कुमार के लिए बड़ी राहत दिखाई दे रही है, इधर सरगुजा पुलिस ने फेसबुक पोस्ट को हवाला देते हुए पत्रकार के ऊपर फर्जी मामला बना दिया।
रायपुर के वरिष्ठ पत्रकारों के द्वारा इसका विरोध किया गया और पुलिस महानिदेशक डी०एम० अवस्थी से ज्ञापन सौंपकर तत्कालीन सरगुजा पुलिस अधीक्षक तिलक राम कोशीमा व थानेदार के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई।
पुलिस महानिदेशक ने उक्त मामले को सीआईडी जांच का आश्वासन दिया है, और जांच रिपोर्ट 15 दिवस के भीतर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। जांच के दायरे में शिकायतकर्ता और पुलिस अधिकारी की भूमिका भी आएगी सामने।
देश भर के मीडिया घराने और एक्टिविस्ट का सपोर्ट पर स्थानीय पत्रकारों में मुंह मे पट्टी…
पत्रकार मनीष कुमार के समर्थन में जहां देश भर के बड़े मीडिया समूह और सोशल एक्टिविस्ट खड़े नज़र आये, लगातार ज्ञापन और उच्चाधिकारियों से मनीष कुमार के संदर्भ में बातचीत करते नज़र आये वहीं विडम्बना देखिये की हमेशा की तरह स्थानीय पत्रकार यानी सरगुजा प्रेस क्लब अभी तक ज्ञापन देने की प्लानिंग कर रहा है, यहां पर ये भी बताना वाज़िब होगा कि मनीष कुमार वह पत्रकार हैं जो पिछले कुछ महीने पहले अम्बिकापुर में पत्रकार और पुलिस विवाद की जानकारी मिलने पर रात में ही मामले सुलझाने थाने जा पहुंचे थे पर विडम्बना देखिये की नाम मात्र का प्रेस क्लब सिर्फ़ मूकदर्शक बने बैठे हैं, वो पत्रकार भी साथ खड़े नही दिख रहे जिनके लिए वो रात में थाने जा पहुंचे।