खबर प्रकाशन से बौखलाए तहसीलदार और जमीन दलालों ने दी संपादक की हत्या करने सुपारी, एक तथाकथित पत्रकार बना सुपारी किलर…

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : आज के समय में निष्पक्ष पत्रकारिता करना, घोटालेबाजों की पोल खोलना, सच को सामने लाना मौत को गले लगाने के समान बन कर रह गया हैं। कुछ एक भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारी अपने साथ कुछ ऐसे गुंडों को पाले हुए हैं जो उनके इशारे पर कुछ भी करने को तैयार हैं। नियम कानून सब कुछ उनके लिए बस कहने की बात हैं। ऐसे अधिकारी अपने आप को ही जज समझते हैं और फैसला भी स्वयं करना पसंद करते हैं। हम ऐसा इस लिए कह रहे हैं क्योंकि हमारे द्वारा लगातार किए जा रहे निष्पक्ष पत्रकारिता और घोटालों के खुलासे से भ्रष्टाचारियों में भय का माहौल है और वे अपनी साख बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को आतुर हैं। आज हम आपको बताते हैं कि कैसे हमारे द्वारा की जा रही पत्रकारिता से कुछ लोग परेशान हैं और उन्होंने इसका समाधान हमारी मौत को मान लिया है। दरअसल हिंद स्वराष्ट्र और सिंधु स्वाभिमान समाचार पत्र के संचालक दंपत्ति मृण्मयी पाण्डेय और प्रशान्त पाण्डेय द्वारा प्रकाशित कुछ खबरों की वजह से उनकी जान पर बन आई है। कुछ भ्रष्टाचारी आपस में एक हो गए हैं और आपस में एक राय होकर उनके द्वारा सिंधु स्वाभिमान के संपादक प्रशांत पांडे की हत्या की साजिश रची जा रही है। बात केवल धमकी चमकी तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि उनके द्वारा संपादक की हत्या के लिए सुपारी लेने और देने का कार्य किया गया है।

कुछ खबरों का प्रकाशन बना दुश्मनी का वजह

हिंद स्वराष्ट्र और सिंधु स्वाभिमान के संपादकों द्वारा लटोरी तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा के विरुद्ध कुछ खबरें पूरे सबूत के साथ प्रकाशित की गई थी जिसमें तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा द्वारा लापरवाहीपूर्वक या यूं कहे मिलीभगत के साथ फर्जी तरीके से बिना कलेक्टर परमिशन के और पटवारी प्रतिवेदन के बगैर ही जमीन की रजिस्ट्री कर दी थी। जिसके बाद सूरजपुर जिले की SDM शिवानी जायसवाल द्वारा तहसीलदार को 3 कारण बताओं नोटिस जारी की गई थी। जिसकी जांच रिपोर्ट आज भी लंबित हैं। इस मामले में लगातार धमकियां मिलने का सिलसिला जारी था। इस मामले का सीधा संबंध लटोरी तहसील के ग्राम हरिपुर निवासी संजय गुप्ता और हरिओम गुप्ता से था। ये दोनों पिता पुत्र जमीन दलाली का कार्य करते हैं और इनके द्वारा ही तहसीलदार से सांठगांठ कर फर्जी तरीके से जमीन रजिस्ट्री का कार्य करवाया गया था। इनके द्वारा तहसीलदार के नाम से लगातार हमें धमकियां दी जा रही थी और तहसीलदार से संबंध होने की बात कहते हुए हमें तहसीलदार से दूर रहने की बात कही गई थी।

वहीं कुछ दिन पूर्व हमारे द्वारा सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सिरसी में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में हुए आवास योजना में घोटाले की खबर का प्रकाशन किया गया था जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच करवाई गई और जांच के आधार पर रोजगार सहायक नईम अंसारी को बर्खास्त कर दिया और कुछ अन्य के विरुद्ध भी कार्यवाही की। वहीं सिरसी पंचायत के ही एक अन्य मामले में देवानंद कुशवाहा नामक एक व्यक्ति की 2 एकड़ जमीन उसके भाई बैजनाथ कुशवाहा द्वारा अपने नाम करवा ली गई हैं। इस मामले में पीड़िता द्वारा तहसीलदार संजय राठौर पर 5 लाख रुपए की रिश्वत लेकर उसके पिता देवानंद की जमीन उसके चाचा बैजनाथ के नाम पर किए जाने का आरोप लगाया था। इस मामले में तहसीलदार द्वारा बैक डेट में जाकर नामांतरण का कार्य किया गया था इस मामले की जांच अब तक लंबित है।
प्रशान्त पाण्डेय की हत्या की साजिश में लटोरी तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा, संजय गुप्ता, हरिओम गुप्ता, प्रेमचंद ठाकुर, अविनाश ठाकुर और संदीप कुशवाहा, फिरोज अंसारी और उसके साले असलम का नाम निकलकर सामने आया हैं। फिरोज अंसारी बर्खास्त रोजगार सहायक नईम अंसारी का रिश्तेदार हैं वहीं संदीप कुशवाहा, बैजनाथ कुशवाहा का पुत्र हैं। इस साजिश में शामिल सिरसी निवासी प्रेमचंद ठाकुर का संबंध भी प्रधानमंत्री आवास योजना, जमीन फर्जीवाड़े और नशे के कारोबार से हैं और उसकी और उसके मामा के बेटे अविनाश ठाकुर उर्फ गोलू ठाकुर की दोस्ती हरिओम गुप्ता से हैं। इसी दौरान हिंद स्वराष्ट्र और सिंधु स्वाभिमान में लगातार जारी इनके विरुद्ध खबरों से इन भ्रष्टाचारियों की रातों की नींद हराम हो गई थी और उन्हें संपादक को रास्ते से हटाने के अलावा अपने बचाव का कोई और रास्ता नजर नहीं आ रहा था। जिसके मद्देनजर इन भ्रष्टाचारियों द्वारा आपस में सांठगांठ की गई और मिलीभगत कर हत्या की साजिश रची गई। इसी दौरान इनके द्वारा जूर निवासी फिरोज अंसारी और उसके साले असलम को डेढ़ लाख रुपयों में प्रशांत पाण्डेय की हत्या की सुपारी दे दी गई और इन सभी के द्वारा एक राय होकर हत्या के 3 नाकाम कोशिशें भी की गई।

पत्रकार की हत्या के लिए पत्रकारिता को ही बनाया ढाल

इस दौरान प्लानिंग के तहत इन सभी आरोपियों द्वारा मिलीभगत कर संपादक की हत्या के लिए पत्रकारिता को ही ढाल बनाया गया और इस साजिश में शामिल प्रेमचंद ठाकुर द्वारा एक मामले में खबर प्रशासन के लिए संपादक को सिरसी बुलाया गया और इसी दौरान हत्या के लिए इन आरोपियों द्वारा ट्रक का जुगाड़ किया गया और स्वयं हरिओम गुप्ता द्वारा दो बोलेरो और एक स्कॉर्पियो वाहन लेकर संपादक और उसके परिवार का पीछा किया गया लेकिन संपादक को उसके परिवार और छोटे बच्चे के साथ देखते हुए उन्होंने उस दिन हत्या की इस योजना को स्थगित कर दिया।

सुनिए हत्या की प्लानिंग आरोपियों की जुबानी:

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हत्या की दूसरी योजना के तहत बुलाया गया शूटर

ट्रक द्वारा कुचलने की योजना असफल होने के बाद इन आरोपियों द्वारा हत्या के लिए दूसरी योजना बनाई गई और योजना के तहत फिरोज अंसारी के साले असलम (शूटर) को बुलाया गया। सब कुछ सही रहता ये सब अपनी योजना में सफल हो पाते, इससे पहले ही संपादक अपने परिजनों के साथ उज्जैन महाकाल के दर्शन को चले गए जिससे संपादक उनकी रडार में नहीं आए और उनकी जान बच गई।

हत्या का तीसरा प्रयास
हत्या के दो असफल प्रयासों के बाद भी यह आरोपी अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और उनके द्वारा संपादक और उसके परिवार को कार से कुचलने का प्रयास किया गया। दरअसल 20 सितंबर की रात 8.30 से 9.00 बजे की दरमियान संपादक और उनके परिवार को कुचलने का प्रयास किया गया लेकिन मौके पर अचानक से बहुत सारी गाड़ियों और भीड़ इकट्ठी हो जाने के कारण यह योजना भी विफल हो गई।

देखें कार द्वारा हमले का सीसीटीवी फुटेज :

कार द्वारा हमले का सीसीटीवी फुटेज



सच का हुआ खुलासा

दरअसल हत्या की प्लानिंग करने वाले और सुपारी देने वाले संजय गुप्ता और हरिओम गुप्ता द्वारा हरिपुर ग्राम में ग्रामसभा आयोजित की गई थी और इस ग्रामसभा के दौरान कई ऐसी बातें हुई जिससे इन सभी आरोपियों की एकता में दरार आ गई और इनके द्वारा ही पूरे मामले का खुलासा भरी पंचायत के सामने कर दिया गया।
बहरहाल मामले के खुलासे के बाद संजय गुप्ता द्वारा पंचायत के सामने संपादक और उनके परिजनों से धमकी दिए जाने से लेकर सुपाड़ी दिए जाने तक की बात को स्वीकारा गया और माफी भी मांगी गई लेकिन हरिओम गुप्ता द्वारा माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया गया और अपना निर्णय पंचायत के बाहर करने की बात कही।

देखें वीडियो :

संजय गुप्ता द्वारा ग्रामसभा में मांगी गई माफी



IG सरगुजा रेंज को सौंपा गया आवेदन

इस मामले के खुलासे के बाद संपादक और उसके परिजन काफी भयभीत हैं। इन आरोपियों द्वारा किसी भी वक्त कोई भी दुर्घटना घटित कर दिए जाने की आशंका लगातार बनी हुई है। सुरक्षा के मद्देनजर संपादक द्वारा तमाम सबूतों के साथ आईजी सरगुजा रेंज से मामले की शिकायत कर पुलिस सुरक्षा प्रदान करने और इस मामले में संलिप्त समस्त आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज दीपक कुमार झा द्वारा मामले की जांच कर आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही किए जाने की बात कही गई हैं।

कब मिलेगा पत्रकारों को पत्रकार सुरक्षा का लाभ

राज्य में भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और अपराध काफी बढ़ गए हैं। अपराधियों के मन में कानून का कोई डर ही नहीं रह गया है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारों को समाज को भ्रष्टाचारियों का आईना दिखाना काफी महंगा पर रहा हैं। पत्रकार भी इन अपराधियों और अपराधी मानसिकता के लोगों से अछूते नहीं रह  गए है। आए दिन पत्रकारों को धमकी मिलना यह तो आम बात सी हो गई है लेकिन अब एक पत्रकार की हत्या के लिए सुपारी दे देना बहुत ही चिंतनीय विषय बन गया हैं।

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