हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : जिले के भैयाथान तहसील कार्यालय में अजब गजब कारनामा देखने सुनने को मिल रहा है। यहाँ पदस्थ अधिकारियों का भूमि माफियाओं से गजब का गठजोड़
देखने को मिला जहां कई बहुमूल्य भूमियो का फर्जीवाड़ा कर बिक्री कर दिया गया हैं। तहसील कार्यालय भैयाथान में पदस्थ पूर्व निलंबित तहसीलदार के कारनामे एक एक कर सामने आने लगे है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को कलेक्टर जनदर्शन में देखने को मिला जहां भैयाथान तहसील के ग्राम कोयलारी निवासी प्रभात दुबे ने तत्कालीन तहसीलदार राठौर और उनके गुर्गों पर गंभीर आरोप लगा कलेक्टर को शिकायत सौंपा हैं। आवेदक ने दिए गए आवेदन में बताया हैं कि बीते माह तक उनकी पुस्तैनी जमीनें उनके व उनके भाई थानेश दुबे और महेश के नाम पर थी जो कि अचानक से मधुसूदन दुबे के नाम पर नामांतरित हो गई है। यह जादुई चमत्कार कैसे हुई पता करने शिकायत लेकर तत्कालीन तहसीलदार संजय राठौर के पास पहुँचे तो उन्होंने रिकार्ड दुरस्त करने के लिए 20 हजार रुपयों की मांग की थी। जिस संबंध में 16 जून 2025 को उनके द्वारा जनदर्शन में शिकायत की गई थी। शिकायत के बाद बीते गुरुवार 20/06/25 को मकसूदन दुबे उर्फ मधुसूदन दुबे ने एक समाचार के माध्यम से वीडियो जारी किया जिसमें उनके द्वारा बोला गया है कि प्रभात दुबे के पिता जनार्दन दुबे थे ही नहीं, जिससे उसे शक हुआ और उसने भुइया के पोर्टल पर दिखवाया तो उसकी समस्त भूमि मकसूदन दुबे के नाम पर नामांतरण हो चुकी थी। जिसके बाद आज उसने पुनः कलेक्टर के समक्ष आवेदन सौंपा है।






पीड़ित ने बताया कि यह उनकी पैतृक भूमि है उनके पिता जनार्दन दुबे भारतीय सेना में थे ,रिटायरमेंट के बाद उन्होंने प्रसार भारती अंबिकापुर में भी कार्य किया। पिता की मृत्यु पश्चात दोनों स्थानों से उनकी माता को जीवन निर्वाह भत्ते के रूप में पेंशन भी मिल रहा था। पैतृक भूमियों के फर्द बंटवारा में प्राप्त भूमियों का पिता के मृत्यु पश्चात माता व सभी भाइयों का नाम एवं माता की मृत्यु होने पर समस्त भूमियो पर प्रभात दुबे के साथ उनके भाइयो का नाम चढ़ा था। कलेक्टर को दिए आवेदन में आवेदक ने बताया है कि वह गरीब है और कम पढ़ा लिखा है जिसका भरपूर फायदा तत्कालीन तहसीलदार एवं उसके गिरोह के ग्राम कोइलारी के ही शिवम दुबे व आदर्श दुबे नामक दोनों गुर्गे द्वारा उठाया गया है। दिनांक 25.05.2025 के पूर्व 14 पैतृक भूमि,खसरा न.140/1, 133, 141, 206/2, 332/1, 186/3, 186/4, 241/2, 32/3, 490, 394/1, 191/1, 378/2, 473 पर उनके व उनके भाइयो का नाम दर्ज था, अब यह भूमि मधुसूदन दुबे के नाम पर दर्ज है। उन्होंने ने इस बावत मधुसूदन दुबे से बात की तो उन्होंने उनके अस्तित्व को ही नकार दिया।
आपको बता दे की मधुसूदन दुबे भाजपा की मंडल महामंत्री सत्यवती दुबे उर्फ सत्या दुबे के ससुर हैं और सूत्रों की माने तो सत्या दुबे द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ही राजस्व के अधिकारियों के साथ साठगांठ कर आवेदक की सारी जमीन अपने ससुर मधुसूदन के नाम करवाया गया हैं।
पीड़ित ने कलेक्टर जन दर्शन में शिकायत कर नामांतरीत भूमियों को प्रार्थी व उसके भाइयों के नाम कराने और दोषियों पर जल्द से जल्द कार्यवाही करते हुए न्याय दिलाने की गुहार लगाई हैं।
