हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : कल तक मणिपुर थाना का प्रभार संभालने वाले उप निरीक्षक अखिलेश सिंह के खिलाफ गांधीनगर थाने में एक पीड़ित पति ने शिकायत दर्ज कराई है, जिस पर गांधीनगर पुलिस द्वारा अपराध पंजीकृत करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। दरअसल यह पूरा मामला शादीशुदा उपनिरीक्षक अखिलेश सिंह और शादीशुदा महिला नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य तृप्ति सोनी का हैं जिनके बीच अवैध संबंधों का आरोप पीड़ित ने लगाया है। पीड़ित द्वारा अपनी पत्नी और उप निरीक्षक अखिलेश सिंह पर कई संज्ञीन आरोप लगाए हैं। दरअसल रायपुर से अचानक अम्बिकापुर पहुंचे पीड़ित पति ने 9 जून की रात इन दोनों को महिला के क्वार्टर में रंगे हाथों पकड़ लिया जिसके बाद काफी बवाल मचा। पति द्वारा क्वार्टर के बाहर ताला जड़ दिया और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। हो हल्ला सुन मामले की भनक जैसे ही मीडियाकर्मियों और आसपास के लोगों को लगी वहां काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई। इसके बाद डायल 112 की टीम के साथ गांधीनगर थाना प्रभारी गौरव पाण्डेय मौके पर पहुंचे और दरवाजा खुलवाने का प्रयास करने लगे।
आपको बता दे की गौरव पाण्डेय द्वारा बाहर लगे ताले को खोलकर दरवाजा खोलने का प्रयास किया गया लेकिन अखिलेश सिंह और महिला तृप्ति सिंह द्वारा अंदर से दरवाजा बंद कर लिया गया और दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया गया। इसी बीच कोतवाली थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और अपने थाना क्षेत्र से बाहर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने सहकर्मी(पुलिस वाले) अखिलेश सिंह को मौके से लेकर निकल गए। पीड़ित पति का आरोप है कि मनीष सिंह परिहार द्वारा पीड़ित पति को डराया, धमकाया गया और लाइट बंद करवाते हुए अंधेरे का फायदा उठाते हुए अखिलेश सिंह को मौके से फरार कर दिया और मौके पर खड़ी अखिलेश सिंह की कार को एक आरक्षक के माध्यम से मौके से हटा दिया गया। मनीष सिंह परिहार द्वारा उन्हें गांधीनगर थाने पहुंचने और मामले की शिकायत करने को कहा गया। गांधीनगर थाने में मनीष सिंह परिहार अकेले पहुंचे थे उपनिरीक्षक अखिलेश सिंह वहां नहीं थे जब इस संबंध में पीड़ित पति द्वारा मनीष सिंह परिहार से सवाल किया गया तो उन्होंने किसी अखिलेश सिंह को न जानने की बात कही।
इससे पहले भी महिला के क्वार्टर में रात बिताते पीड़ित ने पकड़ा था रंगेहाथ
आपको बता दे कि इससे पहले भी 4 सितंबर 2022 को पीड़ित द्वारा अखिलेश सिंह को महिला के क्वार्टर में रात बिताते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था जिस पर अखिलेश सिंह द्वारा घर की चाबी भूल जाने और बारिश होने का हवाला दिया गया था।
बार –बार समझाइस के बावजूद नहीं सुधरे दोनो
पीड़ित का कहना है कि उनके द्वारा समय-समय पर अखिलेश सिंह और अपनी पत्नी तृप्ति सोनी को एक दूसरे से बात न करने और एक दूसरे से दूर रहने की समझाइए दी गई लेकिन बावजूद इसके दोनों की हरकतों में कोई सुधार नहीं आया और दिन-ब-दिन दोनों की नजदीकियां बढ़ती गई।
उपनिरीक्षक अखिलेश सिंह द्वारा पत्नी प्रियंका सिंह के सामने पीड़ित पर तानी गई सर्विस रिवाल्वर
12 जनवरी 2025 को जब मामले की जानकारी अखिलेश सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह को दी गई तब वह समझाइस के लिए तृप्ति सोनी के क्वार्टर पहुंची और उसे अपने घर परिवार पर ध्यान देने और अपने पति अखिलेश सिंह से दूर रहने को कहा, लेकिन यह बात तृप्ति सोनी और अखिलेश सिंह को नागवार गुजरी और बसंतपुर थाने में पदस्थ अखिलेश सिंह कुछ ही देर में अंबिकापुर पहुंच गए और पीड़ित और अपनी पत्नी से विवाद करते हुए धक्का मुक्की और मारपीट करने लगे इसी बीच उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर पीड़ित कर तान दी। जिसकी पुष्टि खुद प्रियंका सिंह और पीड़ित के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग से होती है।
इसके बाद हो हल्ला सुन आस पड़ोस की लोग इकट्ठे हो जाते हैं और अखिलेश सिंह अपनी पत्नी को अपने साथ लेकर मौके से निकल जाते हैं।
अपनी चोरी छुपाने पीड़ित को भेजा मानहानि का नोटिस
अखिलेश सिंह द्वारा अपनी चोरी छुपाने के लिए मानहानि का नोटिस भेजा गया इस मामले में सवाल यह उठता है पीड़ित द्वारा बार बार समझाइस के बावजूद अपनी हरकतों से बाज नहीं आने के कारण अखिलेश सिंह के हरकतों की जानकारी उनकी पत्नी प्रियंका सिंह को देना क्या मानहानि के दायरे में आता है???
तृप्ति सोनी द्वारा भी करवाया गया FIR
अखिलेश सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह तृप्ति सोनी से मिलने पहुंचती है और अपने पति से दूर रहने की समझाइस तृप्ति सोनी को देती है तो तृप्ति सोनी द्वारा प्रियंका सिंह और अपने पति नंदकुमार सोनी के विरुद्ध गांधीनगर थाने पहुंचकर FIR दर्ज करवा दी जाती है।
9 जून की रात हुए बवाल के बाद भी तृप्ति सोनी द्वारा अपने पति और दो अन्य के विरुद्ध FIR दर्ज करवाया गया हैं।
पिछले 3 वर्षों से प्रताड़ित हो रहा पति
पीड़ित का कहना हैं कि वो पिछले 3 वर्षों से प्रताड़ित होता आ रहा हैं, उसकी पत्नी और अखिलेश सिंह मिलकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। पीड़ित अपने दो बच्चों के साथ रायपुर में रहता है और रेलवे में नौकरी करता है। अकेले 2 बच्चों की देखभाल करना और उनको अकेले छोड़कर अंबिकापुर आकर केस लड़ना उनके लिए संभव नहीं हैं। पीड़ित की पत्नी द्वारा अखिलेश सिंह के बहकावे में आकर पीड़ित से तलाक के लिए न्यायालय में आवेदन किया हैं। अखिलेश सिंह द्वारा पीड़ित के हंसते खेलते परिवार को तबाह कर दिया गया हैं। पीड़ित द्वारा मामले की शिकायत पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा से कर न्याय की मांग की हैं।







अब यह देखने का विषय हैं कि पुलिस द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाती है या फिर खाकी खाकी को बचाने के लिए कानून को तांक पर रख कर पीड़ित के साथ अन्याय करती हैं।
