हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड के तहसीलदार संजय राठौर और अपने सौतेले पुत्र वीरेंद्र नाथ दुबे पर एक बुजुर्ग महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर से उनकी शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है। महिला की आरोप है कि संजय राठौर द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए महिला के सौतेले पुत्र के साथ मिलकर उसकी जमीन में सांठगांठ कर अपनी पत्नी शारदा राठौर के नाम पर ट्रांसफर करवा ली गई है। महिला द्वारा दिए गए इस आवेदन में राजस्व निरीक्षक, पटवारी और सरपंच भी सवालों के घेरे में आ रहे हैं।
आपको बता दें कि बुजुर्ग महिला शैलकुमारी दुबे द्वारा 1976 में ग्राम करकोटी में 40 डिसमिल जमीन खरीदी गई थी। इस जमीन पर उसके सौतेले पुत्र वीरेंद्र नाथ दुबे की नजर थी। इस बेशकीमती जमीन को हथियाने के लिए वीरेंद्र नाथ दुबे द्वारा महिला को मृत बताया गया और जमीन अपने नाम नामांतरण कर उसे बेच दिया गया।
क्या हैं पूरा मामला समझिए महिला के आवेदन के इन 23 बिंदुओं के आधार पर :
01– आवेदिका ने दिनांक 11-08-1976 को ग्राम करकोटी, पटवारी हल्का नं0-11, पो0+थाना तहसील- भैयाथान, जिला- सूरजपुर (छ०ग०) में खसरा क्र.-45/3 रकबा 0.405 हे0 क्रय की थी। खसरा क्र0-43/3 रिनम्बरिंग में खसरा नं0 344 के रूप में दर्ज हुआ।
02- यह कि सन् 2016-17 में उक्त भूमि के नक्शा में छेडछाड़ व उसके पश्चात् उसका बटांकन भी कर दिया गया था, जिसकी जानकारी मिलने पर आवेदिका ने न्यायालय श्रीमान् तहसीलदार महोदय, भैयाथान के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था।
03-यह कि यह राजस्व प्रकरण क्र0-20190261000013/ब-121/2018-19 स्थानान्तरित होकर माननीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी, भैयाथान के द्वारा दिनांक 12-12-2022 को आवेदिका के पक्ष में निर्णित हुआ।
04-यह कि उक्त निर्णय से क्षुब्ध होकर अनावेदक विष्णु कुशवाहा ने न्यायालय श्रीमान् कलेक्टर महोदय, सूरजपुर के समक्ष अपील प्रस्तुत की। जिसका निर्णय दिनांक 19-03-2025 को हुआ, जो पुनः अवलोकनार्थ हेतु न्यायालय श्रीमान् कलेक्टर महोदय, सूरजपुर के समक्ष विचाराधीन है।
05– यह कि इसी मध्य आवेदिका के सौतेला पुत्र विरेन्द्रनाथ दुबे ने अपने पुत्र कमलेश, भतीजा शिवम व अन्य संजय के साथ तहसीलदार, भैयाथान संजय राठौर को मिलाकर, सांठ-गांठ कर लगभग एक माह में उक्त भूमि का आवेदिका को मृत बताकर नामान्तरण व तत्काल विक्रय भी कर दिया गया।
06- यह कि उक्त भूमि को आवेदिका ने दिनांक 11-08-1976 को क्रय किया था, जबकि दिनांक 09-02-1967 का आवेदिका का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर नामान्तरण किया गया और नामान्तरण के तीसरे दिन उसे विक्रय भी कर दिया गया और विक्रेताओं का नामान्तरण उसी दिन तहसीलदार महोदय संजय राठौर ने कर दिया, जबकि इस प्रकरण में प्रस्तुत फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु दिनांक 09-02-1967 है, जबकि आवेदिका ने यह भूमि दिनांक 11-08-1976 को क्रय की है, जो कथित मृत्यु दिनांक से आठ वर्ष पश्चात् क्रय की है।
07- आवेदिका को मृत बताकर नामान्तरण हेतु आवेदन विरेन्द्रनाथ दुबे द्वारा प्रस्तुत किया गया, उसे प्रकरण क्र0-202501261000001/अ-6 के रूप में दिनांक 28-11-2024 को दर्ज किया गया और मात्र 3 पेशी के पश्चात् दिनांक-27-12-2024 को नामान्तरण आदेश कर दिया गया।
08- तहसीलदार संजय राठौर द्वारा प्रकरण दर्ज होने के ही दिनांक 28-11-2024 को ईश्तहार का प्रकाशन किया गया, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि ग्राम- कोयलारी, तहसील- भैयाथान स्थित भूमि खसरा क्र0-344/1 व 344/2 के नामान्तरण के सम्बन्ध में जिसे आपत्ति हो वे आपत्ति प्रस्तुत करें, जबकि नामान्तरित हुई आवेदिका की भूमि ग्राम करकोटी, तहसील- भैयाथान, जिला- सूरजपुर (छ०ग०) में स्थित है।
09- तहसीलदार संजय राठौर द्वारा दिनांक 28-11-2024 को ही हल्का पटवारी को मौका जाँच प्रतिवेदन हेतु दिये ज्ञापन में स्पष्ट रूप से ग्राम कोयलारी स्थित भूमि का उल्लेख है, जबकि नामान्तरण ग्राम- करकोटी स्थित भूमि का किया गया है। ग्राम- कोयलारी स्थित भूमि के ज्ञापन के प्रतिवेदन में हल्का पटवारी द्वारा ग्राम- करकोटी स्थित भूमि का उल्लेख है तथा हल्का पटवारी द्वारा पंचनामा को ही प्रतिवेदन बनाकर प्रस्तुत किया गया है, जो दोनों प्रतिवेदन दिनांक विहीन है।
10- तहसीलदार संजय राठौर द्वारा दिनांक 28-11-2024 को प्रकरण दर्ज करते हुये भी ग्राम- कोयलारी स्थित भूमि कां उल्लेख है, जिसे बाद में काटकर हस्तलिखित करकोटी किया गया है।
11- उक्त नामान्तरण प्रकरण में सरपंच द्वारा जारी पत्र में भी ग्राम…. कोयलारी का ही उल्लेख है, जिसे बाद में काटकर दूसरी राईटिंग से ग्राम करकोटी किया गया है।
12- दिनांक 28-11-2024 को मौका जाँच हेतु प्रतिवेदन में 06 विन्दुओं पर जाँच प्रतिवेदन माँगा गया है। जिस पर 05 बिन्दुओं पर हल्का पटवारी की ओर से प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है।
13- उक्त ज्ञापन के बिन्दु क्रं0-04 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि वाद भूमि से सम्बन्धित प्रकरण किसी नयायालय में विचाराधीन है ? हाँ, तो किस न्यायालय में तथा कब से विचाराधीन है? स्पष्ट करें। इस सम्बन्ध में हल्का पटवारी द्वारा कोई प्रतिवेदन नहीं दिया गया है।
14- हल्का पटवारी को भली भाँति ज्ञात था कि उक्त भूमि पर श्रीमान न्यायालय कलेक्टर महोदय, सूरजपुर में प्रकरण लम्बित है।
15- नामान्तरण प्रक्रिया में हल्का पटवारी द्वारा दिये गये प्रतिवेदन से कुछ दिनों पूर्व श्रीमान न्यायालय कलेक्टर महोदय, सूरजपुर द्वारा माननीय अनुविभागीय अधिकारी, भैयाथान के माध्यम से हल्का पटवारी और राजस्व निरीक्षक से उक्त भूमि के बटाकंन के सम्बन्ध में प्रतिवेदन मांगा गया था।
16- श्रीमान् न्यायालय कलेक्टर, सूरजपुर में प्रकरण क्र0-202304260100009/ब-121 (पक्षकार विष्णु कुशवाहा प्रति शैल कुमारी) में दिनांक 10/09/2024 को बटाकंन कैसे हुआ, के सम्बन्ध में हल्का पटवारी व राजस्व निरीक्षक शिवप्रसादनगर, भैयाथान से प्रतिवेदन माननीय अनुविभागीय अधिकारी, भैयाथान के माध्यम से माँगा गया था, जिस पर राजस्व निरीक्षक व पटवारी से आवेदिका ने सम्पर्क किया था। काल डिटेल्स से भी इसकी पुष्टि हो सकती है। हल्का पटवारी और राजस्व निरीक्षक को स्पष्ट रूप से ज्ञात था कि आवेदिका जीवित है और माननीय न्यायालय कलेक्टर, सूरजपुर में विष्णु कुशवाहा प्रति शैल कुमारी प्रकरण चल रहा है।
17- शिवम व संजय के माध्यम से तहसीलदार संजय राठौर भूमियों का एग्रीमेन्ट व क्रय करते हैं।
18- इस प्रकरण में आवेदिका की भूमि से शिवम व संजय के नाम से विक्रय रूप में प्राप्त भूमि संजय राठौर की ही है, जो प्रकरण के सार्वजनिक हो जाने पर वे अपने नाम नहीं करा पाये, पर आवेदिका की ही सम्मिलात खाते की भूमि जो ग्राम- कोयलारी में स्थित है, उसका भी अनुचित बंटवारा करते हुये उसमें अन्तिम संशोधित निर्णय देने से पूर्व ही अपने विश्वसनीय संजय कुमार के नाम से एग्रीमेन्ट करवाये तथा बाद में भूमि को अपनी पत्नि शारदा राठौर के नाम दिनांक 05-02-2025 को पंजीयन क्र०-सीजी 2024-25-184-1-2958 के माध्यम से प्रतिफल के रूप में प्राप्त किये।
19- आवेदिका की निजी स्वामित्व की भूमि से 40 डिसमिल व सम्मिलात खाते की भूमि से 30 डिसमिल भूमि जो सड़क से लगे हैं और बहुमूल्य हैं, उन्हें प्राप्त कर संजय राठौर द्वारा अति सक्रियता दिखाते हुये स्वयं अपने ही हस्ताक्षर से मौका जाँच प्रतिवेदन व चौहद्दी तैयार किये।
20- ग्राम- करकोटी स्थित आवेदिका की निजी स्वामित्व की भूमि का विक्रय हेतु मौका जाँच प्रतिवेदन व चौहद्दी स्वयं के पद मुद्रा सहित हस्ताक्षर से करके दिनांक 03-01-2025 को विक्रय कराकर उसी दिन नामान्तरण भी कर दिये।
21- इसी भाँति अत्यधिक सक्रियता दिखाते हुए तहसीलदार संजय राठौर ने आवेदिका की सम्मिलात खाते की भूमि को आवेदिका सहित अन्य खातेदारों का नाम सम्मिलित नहीं करते हुये और उसकी सन्तानों वन्दना, गोघेश, दीपे, दीपेश, मातेश्वरी, सिधेश का फर्जी हस्ताक्षर से अनुचित बंटवारा भी इसी मध्य किये।
22- आवेदिका ने नामान्तरण के विरूद्ध माननीय अनुविभागीय अधिकारी महोदय, भैयाथान, जिला- सूरजपुर के समक्ष अपील प्रस्तुत की और थाना-भैयाथान को भी इसकी सूचना दी है।
23- तहसीलदार संजय राठौर अपने पद प्रभाव का प्रयोग करते हुये विरेन्द्रनाथ दुबे, कमलेश दुबे, शिवम दुबे व संजय के साथ मिलकर आर्वेदिका के आवेदन पर होने वाले कार्यवाही को प्रभावित कर रहे हैं।
तहसीलदार द्वारा पत्नी के नाम खरीदी गई जमीन
तहसीलदार संजय राठौर द्वारा अपनी पत्नी है शारदा राठौर के नाम पर आवेदिका महिला की जमीन की खरीदी की गई और रजिस्ट्री कर नामांतरण भी करवा लिया गया।

अपने चाटुकारों के सहारे बच निकलने का तहसीलदार संजय राठौर कर रहे प्रयास
संजय राठौर द्वारा अपने इस कृत्य को छुपाने के लिए कई जतन किए जा रहे हैं और इसके लिए उन्होंने अपने चाटुकारों को जिम्मेदारी दे रखी हैं। जो चाटुकार दिन-रात उनकी जी हजूरी कर रहे हैं और उनके सपोर्ट में खबरें चलाकर बाकि पत्रकारों द्वारा तहसीलदार के विरुद्ध चलाए जा रहे खबरों का खंडन करने का काम कर रहे हैं। हमारे द्वारा जब संजय राठौर से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो फोन करने मात्र से ही वे तिलमिला गए और अपने चाटुकारों को हमें फोन कर धमकी देने की जिम्मेदारी दे दी। उनके कुछ चाटुकारों द्वारा हमें फोन किया गया और FIR करवाने की धमकी दी गई। आपको बता दे की तहसीलदार का बयान लेने के दौरान भी उनके कुछ चाटुकार उनके कार्यालय में मौजूद थे और हमारे प्रतिनिधि का वीडियो बना कर दबाव डालने का प्रयास कर रहे थे। चाटुकारों द्वारा आवेदिका महिला को भी फर्जी बताया जा रहा है पर सवाल यह उठता है कि यदि महिला फर्जी है तो उनके पति स्व. राधेश्याम दुबे द्वारा महिला का नाम अपने सर्विस बुक पर क्यों चढ़ाया गया और महिला को पेंशन किस आधार पर मिलता है।
