अम्बिकापुर में दिव्यांगजनों का प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम का आयोजन

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सरस्वती शिशु मंदिर, देवीगंज रोड में गुरुवार को सक्षम के द्वारा दिव्यांगजन प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व शासकीय अधिवक्ता प्रान्त कुटुंब प्रबोधन प्रमुख और शिशु मंदिर के अध्यक्ष माननीय सुभाष अग्रवाल ने प्रसिद्ध पर्वत्तारोही अरुणिमा सिन्हा के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की बात की, जो अस्थि बाधित होते हुए माउन्ट एवरेस्ट जैसे पर्वतों की चढ़ाई कर चुकी हैं। कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे सक्षम के जिला अध्यक्ष और दवाई दुकान के व्यवसायी सुभाष गोयल ने की। उन्होनें दिव्यांगजनों की प्रतिभाओं को सराहा और समाज को उनसे प्रेरणा लेने की बात कही। विशिष्ट अतिथि सरगुजा विभाग प्रचारक ठाकुर राम ने स्वामी रामभद्राचार्य जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया की दृष्टि बाधित होते हुए भी अपनी विद्वता से उन्होंने वेद, पुराण, शास्त्रों का ज्ञानार्जन किए। मुख्य वक्ता के रूप में रामजी राजवाड़े सक्षम प्रांत संगठन मंत्री उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में अष्टावक्र की विद्वता का उल्लेख करते हुए बताया की मिथिला के राजा जनक ने अपने यहाँ सभी धर्माचार्यों का सम्मान करने हेतु राजकीय सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किए थे, जिसमें अष्टावक्र को भी आमंत्रित किया गया था, उनका शरीर आठ अंगों से मुड़ा हुआ था, आयोजन में शास्रार्थ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी को परास्त करके शास्रार्थ में परास्त होने वालों को मिलने वाले दण्ड विधान को खत्म कराया।

दिव्यांगजनों के प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित होकर दिव्यांगजनों ने अपनी आपबीती जीवन पर विचार व्यक्त किए। समारोह में अस्थि बाधित डॉक्टर नीरज वर्मा जो एक शिक्षाविद हैं, उन्होनें अपने जीवन के संघर्ष को बताया। दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने जीवन में संघर्ष करते हुए, दिव्यांगता को अपनी कमजोरी न बनाकर पीएचडी किए और आज लेक्चरर पद में पदस्थ हैं। अस्थि बाधित मनोज पांडे शिक्षक हैं और उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में दिव्यांगता को अभिशाप ना मानकर इसे अपने हौसलों से हराकर व्याख्याता के रूप में पदस्थ हैं। उन्होनें भी अपने जीवन के अनुभवों को समारोह में साझा किया। बतौली के अस्थि बाधित नंद किशोर गर्ग बिजली एक्सीडेंट में अपने दोनों हाथ गंवा चुके थे, अपने साथ हुए दुर्घटना को बताते हुए उन्होनें कहा कि दोनों हाथ गंवाने के बाद भी उन्होनें हिम्मत नहीं हारी और आज एक सफल व्यवसायी के रूप में स्थापित हैं। अस्थि बाधित रीतू अग्रवाल एक सामाजिक संस्था चलाती हैं।
दृष्टिबाधित नरेंद्र जायसवाल एक शिक्षक हैं। सम्मान समारोह में 5 दिव्यांगजनों को जिन्होंने अपने क्षेत्र में अपनी मेहनत से नया मुकाम हासिल किए, सक्षम संस्था द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट करके उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजसेवी सुभाष गोयल को सक्षम संस्था का सरगुजा जिला अध्यक्ष बनाया गया।

कार्यक्रम में मंच संचालन अरविन्द मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में राष्ट्रबोध पत्रिका के संभाग प्रमुख खेमलाल खूंटे, विभाग संपर्क प्रमुख नरेंद्र सिन्हा, जिला कार्यवाह अजय मिश्रा, सह जिला व्यवस्था प्रमुख संतोष गुप्ता, रामप्रसाद गुप्ता, आकाश गुप्ता, वेदांत तिवारी, शानू कश्यप, रामसेवक साहू, श्याम शर्मा, भूपेंद्र तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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