सूरजपुर – जिले के शासकीय प्राथमिक शाला झारपारा पम्पापुर के शिक्षक राजेन्द्र जायसवाल के द्वारा “पढ़ई तुंहर दुआर” कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित मोहल्ला क्लास में बच्चों की शिक्षा को रोचक और आनंददायी बनाने के उद्देश्य से ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग किया जा रहा है। इससे बच्चों को विषय को समझने में काफी आसानी हो रही है। इनके इसी सराहनीय कार्य की वजह से इन्हें छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट में हमारे नायक के रूप में स्थान प्राप्त किया है ।
शिक्षक राजेन्द्र जायसवाल से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि वो कोरोना काल में हुए लॉकडाउन से ही बच्चों को किसी न किसी माध्यम से पढ़ाई से जोड़े रखे हुए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने मोहल्ला क्लास में ऑगमेंटेड रियालिटी तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया। ऑगमेंटेड रियलिटी का मतलब होता है, किसी भी चीज को बेहतर बनाकर दिखाना, जिससे वह बिलकुल वास्तविक लगे। ऑगमेंटेड रियलिटी में हमारे आसपास के वातावरण से मेल खाता हुआ एक कंप्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं। ऑगमेंटेड रियलिटी हमारे आसपास के वतावरण से इंटरैक्ट कर सकती हैं।
शिक्षक गौतम शर्मा के नेतृत्व में इन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए सूरजपुर जिले के 38 ग्राम पंचायतों में जाकर जन जागरूकता अभियान में भी अपनी सक्रिय सहभागिता निभाई तथा 30/03/2020 से जिला प्रशासन द्वारा कोरोनावायरस के संक्रमण हेतु सौपे गए आपातकालीन कार्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा महत्वकांक्षी योजना पढ़ई तुहंर दुआर योजना शुरू होते ही बच्चों का पंजीयन घर घर जाकर घर cgschool.in में किया गया और बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप एवं टेलीग्राम ग्रुप बनाया गया, जिसमें बच्चों की पढ़ाई के उद्देश्य फोटो, विडियो, लिंक, प्रश्नोत्तरी, होमवर्क, इत्यादि ग्रुप में शेयर करना सुनिश्चित किया गया। ऑनलाइन वर्चुअल क्लास आज पर्यन्त तक 210 हैं, जिसमें छात्रों की उपस्थिति 631 है। बच्चों को गूगल फार्म जानकारी देते हुए उन्हें गूगल फार्म में होमवर्क, आंकलन वर्क, चित्र चार्ट, पहचान करना और मेरा मार्क्स कितना आया बच्चों में रूची बढ़ी इसकी जानकारी मिलना तुरंत मिलना, बच्चों की रोचकता देखकर प्रसंनीय रही। बच्चे गूगल फार्म से संबंधित जानकारी भरना परीक्षा, होमवर्क करना भली-भांति परिचित हो गये।
विद्यालय के शिक्षक गौतम शर्मा द्वारा सृजित नवाचार “मिस्डकॉल गुरूजी” का क्रियान्वयन राजेन्द्र जायसवाल द्वारा भी किया जा रहा है। इस योजना से उन बच्चों को फायदा हो रहा है, जिनके पास सामान्य साधारण फोन उपलब्ध है, उनके लिए “मिस्ड कॉल दो पढ़ाई करो” कर तहत 5 लोगों को एक साथ कान्फ्रेंस के माध्यम से पढ़ाई जारी रखने कारगार साबित हुआ है। जिसमें पालकों को कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ता। विद्यालय में कक्षा पहली से पांचवीं तक बच्चों के लिए समय सारणी बनाकर कियान्वयन कर रहे हैं।
आमतौर पर जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं होने पर साधारण फोन वाले बच्चे पढ़ाई से वंचित ना रहे, उनकेे लिए बजार, हाटों में जाकर साधारण फोन वाले बच्चों के परिवार के पालक या बच्चों को आडियो शेयर किया गया, जिसकी बच्चों की संख्या 28 शेयर सामाग्री 195 है।
इनके द्वारा साथी शिक्षक गौतम शर्मा के साथ मिलकर जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं थे, उनका चिन्हांकन कर उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी विद्यालय में गठित प्रदेश के पहले नवयुवक शालादूत समिति के शालादूतों को सौंपी। ये शालादूत “पढ़ई तुंहर दुआर” कार्यक्रम को विद्यार्थियों तक पूर्ण रूप से पहुँचाने में शिक्षा वारियर्स के रूप में कार्य कर पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए एक मिसाल पेश कर रहे है। इन शिक्षा वारियर्स के द्वारा सामाजिक और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए विद्यार्थियों के घर पर ही छोटे-छोटे समूह बनाकर कक्षाओं का आयोजन कर “पढ़ई तुंहर दुआर” के वेबसाइट में अपलोड किए गए विभिन्न प्रकार के रोचक ऑडियो , वीडियो और पाठ्य सामग्रियों का उपयोग कर बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस हेतु शिक्षकों द्वारा भी इन शिक्षा वारियर्स का भरपूर सहयोग कर रहे हैं, ये शिक्षक स्वयं भी बीच-बीच में इन कक्षाओं में जाकर वेबसाईट के माध्यम से पढ़ाई कराने के दौरान आने वाली समस्याओं का निराकरण करने के साथ ही साथ बच्चों को पढ़ा भी रहे है।
इसके साथ ही उन्होंने “हमर तुंहर समस्या अभियान” शुरू किया है, जिसके माध्यम से शिक्षकों को “पढ़ई तुंहर दुआर” योजना के तहत् ऑनलाइन-ऑफलाइन मॉडल सहित अन्य सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान वेबीनार और कॉल के माध्यम से कर रहे है। उन्होंने बताया कि जब व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप में उन्होंने देखा कि बहुत सारे शिक्षक साथी पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत् आयोजित ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास से संबंधित समस्याओं को बार-बार रख रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है, तब उन्होंने यह निश्चय किया कि वे वेबीनार और कॉल के माध्यम से शिक्षकों की उन समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास करेंगे, जिससे पढ़ई तुंहर दुआर योजना का संचालन शिक्षक साथी अच्छे से कर सके। इसके लिए “हमर तुंहर समस्या अभियान” शुरू किया। अभी तक संकुल और विकासखण्ड स्तर पर वेबीनार आयोजित कर विकासखण्ड के अनेकों शिक्षकों की समस्याओं का समाधान कर चुके हैं। वेबीनार के माध्यम से इन्होंने सभी शिक्षकों को अपना मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया है, जिससे पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत् आने वाले किसी भी समस्या का निराकरण करने हेतु कॉल किया जा सकता है। इनके इस पहल को अधिकारियों द्वारा सराहा गया है। शिक्षक राजेन्द्र जायसवाल ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने आदर्श, मार्गदर्शक और साथी शिक्षक गौतम शर्मा और अपने विद्यालय के बच्चों को दिया । इनके सराहनीय कार्यों को ब्लॉग लेखक श्रवण यादव ने अपने सुंदर शब्दों में पिरोया है। इनके इस उपलब्धि से पूरा जिला गौरान्वित है।