शुभम शुक्ला रायपुर गोधन न्याय योजना ग्रामीण अंचलों में रोजगार के साधन मुहैया करा रहा है। इसका एक उदाहरण रायगढ़ जिले में देखने को मिला। जिले के हिर्री गांव के श्री ललित कुमार ने योजना के तहत गोबर बेचकर मिले पैसे से एक और गाय खरीदी। खेती किसानी से जुड़े लोग इस उद्यम में लगे रहते हैं। लेकिन ललित का गाय खरीदना काफी खास है। उसने गायों के गोबर से एक और गाय खरीदने की राशि एकत्रित की है। यह मुमकिन हुआ है छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना से, जिसमें गोबर बेच कर ललित ने 8 हजार रुपए कमाए और किश्तों में 55 हजार रुपये की होलेस्टिन फ्रिसियन नस्ल की गाय खरीदी है। यह नस्ल दूध उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है।
गोबर बेच कर खरीदी इक नई गाय
ललित ने पांच साल पहले पहले दूध का व्यवसाय चालू करने पहली गाय खरीदी। धीरे-धीरे उसने अपना व्यवसाय आगे बढ़ाया। पांच सालों में 5 से 6 गाय भी खरीद कर काम आगे बढ़ाया। लेकिन पिछले कुछ माह में ही उसने गोबर से इतनी राशि इकत्रित कर ली की किश्तों में एक नयी गाय खरीद ली। ललित बताते हैं इतनी जल्दी पूँजी इकठ्ठा होना मेरे लिए काफी बड़ी बात है।
योजना से मिल रहा है लाभ
श्री ललित बताते है कि वह एक डेयरी के लिए काफी समय से प्रयासरत भी है। इस योजना से उन्हें यह विश्वास मिल रहा है कि शीघ्र ही वह अपने सपने को साकार कर पायेंगे। इसके लिए वह मुख्यमंत्री श्री बघेल व छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुये कहते है कि स्थानीय संसाधनों से ही बिना किसी अतिरिक्त निवेश के ग्रामीणों के लिये पंूजी इकट्ठा करने की यह एक बेहतर योजना है। इससे पशुपालकों को सीधा लाभ हो रहा है। यह योजना निश्चय ही ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि की नई इबारत लिखेगी।