मीडिया से अच्छे संबंध बनाने पर मिलेंगे नंबर!’ सरकार ने सचिवों और कलेक्टरों के लिए जारी किया आदेश…

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हिंद स्वराष्ट्र रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने सचिवों और कलेक्टरों के लिए नया आदेश जारी किया है, जिसने प्रशासनिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। जारी आदेश के अनुसार मीडिया मैनेजमेंट, सोशल मीडिया एक्टिविटी और खबरों में बने रहने को अब परफॉर्मेंस से जोड़ा जाएगा। इस आदेश के बाद अफसरों पर तय टारगेट पूरा करने का दबाव भी बढ़ गया है।

सरकार के इस आदेश का उद्देश्य
छत्तीसगढ़ सरकार ने सचिवों और जिला कलेक्टरों के लिए एक नया निर्देश जारी किया है, जिसमें मीडिया से बेहतर संबंध बनाए रखने और लगातार खबरों में बने रहने को परफॉर्मेंस मार्किंग से जोड़ा गया है। जनसंपर्क विभाग ने इसके लिए 47 विभागों की सूची भी जारी की है। सरकार का कहना है कि जो विभाग अच्छा काम करेगा, उसी की खबरें प्रमुखता से दिखाई देंगी।

सोशल मीडिया एक्टिविटी पर भी होगी नजर
आदेश के मुताबिक फेसबुक और एक्स (ट्विटर) पर नियमित पोस्ट करना भी अब अफसरों की परफॉर्मेंस का हिस्सा होगा। कौन कितना सक्रिय है, यह पोस्ट की संख्या से तय होगा, यानी अफसरों को अब ज़मीनी काम के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी अपडेट रहना होगा।

सोनमणी बोरा को मिला साप्ताहिक लक्ष्य
टारगेट सूची में प्रमुख सचिव, ट्राइबल विभाग सोनमणी बोरा का नाम सबसे ऊपर है, उन्हें हर हफ्ते तीन प्रेस रिलीज, दो सक्सेस स्टोरी, सात फेसबुक पोस्ट और सात एक्स पोस्ट करने का लक्ष्य दिया गया है।  यह पहली बार है जब प्रशासनिक अधिकारियों के लिए इस तरह की डिजिटल एक्टिविटी को अनिवार्य किया गया है।

कलेक्टरों पर सबसे ज्यादा दबाव
रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के कलेक्टरों को बेहद बड़ा मासिक लक्ष्य दिया गया है। 

इनमें शामिल है…

150 प्रेस रिलीज
15 सक्सेस स्टोरी
4 राष्ट्रीय स्तर की खबरें
4 राज्य स्तरीय खबरें
30 फेसबुक पोस्ट
15 एक्स पोस्ट
1 प्रेस कॉन्फ्रेंस

इतने बड़े टारगेट के चलते कलेक्टरों की टीमों पर अब अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ जाएगी।

परफॉर्मेंस मार्किंग का पूरा सिस्टम
सरकार ने काम के अनुसार कुल 100 नंबर का मूल्यांकन तय किया है। इसमें शामिल हैं…

प्रेस रिलीज़: 15 मार्क्स
सक्सेस स्टोरी: 15 मार्क्स
राष्ट्रीय मीडिया में खबर प्रकाशित: 10 मार्क्स
राज्य स्तरीय फ्रंट पेज खबर: 10 मार्क्स
फेसबुक पोस्ट: 15 मार्क्स
एक्स पोस्ट: 15 मार्क्स
भ्रामक खबरों के खंडन पर: 20 मार्क्स
इस तरह मीडिया में मौजूदगी और सक्रियता अब सीधे अफसरों की कार्यक्षमता से जुड़ गई है।

अफसरों पर बढ़ेगा दबाव, बढ़ेगी सक्रियता
इस आदेश के बाद अफसरों में चर्चा है कि अब फील्ड वर्क के साथ मीडिया मैनेजमेंट भी जरूरी हो गया है। टारगेट को पूरा न करने पर परफॉर्मेंस मार्क्स प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, सरकार का दावा है कि इस कदम से पारदर्शिता बढ़ेगी और वास्तविक काम जनता तक बेहतर तरीके से पहुंचेगा।

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