हिंद स्वराष्ट्र रायपुर/सुकमा: छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा के घने जंगलों में चलाए गए एक बड़े एंटी-नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को ऐतिहासिक सफलता मिली है। देश के सबसे वांछित और कुख्यात माओवादी कमांडर माडवी हिड़मा को एक भीषण मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। इस कार्रवाई में हिड़मा की पत्नी राजे उर्फ राजक्का समेत कुल छह नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

कहाँ हुआ एनकाउंटर?
मुठभेड़ आज (मंगलवार) सुबह आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले के मारेडुमिली क्षेत्र में हुई।
यह इलाका छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सीमाओं से सटा हुआ है और माओवादियों का एक मजबूत ठिकाना माना जाता था।
आंध्र प्रदेश की ग्रेहाउंड्स कमांडो टीम और अन्य सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से यह ऑपरेशन चलाया।
कौन था हिड़मा?
- असली नाम: संतोष
- पद : सीपीआई (माओवादी) की सबसे घातक हमलावर यूनिट, पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन नंबर 1 का प्रमुख। वह केंद्रीय कमेटी का सबसे युवा सदस्य भी था।
- इनाम: उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये (कुछ स्रोतों के अनुसार 50 लाख) का इनाम घोषित था।
- अपराध: 43 वर्षीय हिड़मा 26 से अधिक बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था, जिनमें शामिल हैं:
- 2010 दंतेवाड़ा हमला (76 सीआरपीएफ जवान शहीद)
- 2013 झीरम घाटी नरसंहार (कई शीर्ष कांग्रेसी नेताओं सहित 27 लोग मारे गए)
- 2021 सुकमा-बीजापुर मुठभेड़ (22 सुरक्षाकर्मी शहीद)
सुरक्षाबलों की बड़ी जीत
सुरक्षा एजेंसियों ने हिड़मा की मौत को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ और माओवादी आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका करार दिया है। हिड़मा बस्तर क्षेत्र में माओवादियों का चेहरा और सैन्य रणनीति का केंद्र था। उसकी मौत से नक्सली संगठन की कमर टूटनी तय मानी जा रही है।
ऑपरेशन जारी
अधिकारियों के मुताबिक, मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। इलाके में अभी भी व्यापक कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य नक्सली छिपा न हो।
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