हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर/ भैयाथान : सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड के तत्कालीन तहसीलदार संजय राठौर द्वारा अपने चेहते जमीन दलालों के साथ मिलकर सरकारी जमीन की अफरातफरी का मामला सामने आया है। आपको बता दे कि भैयाथान क्षेत्र में कुख्यात जमीन तस्करों के साथ संजय राठौर की दोस्ती किसी से छिपी हुई नहीं हैं। भैयाथान क्षेत्र में जमीन की अफरातफरी का यह मामला भी कोई नया मामला नहीं है, तहसीलदार संजय राठौर के कार्यकाल में ऐसे कई कारनामे किए गए हैं जो सिविल सेवा आचरण का सीधे तौर पर उल्लंघन हैं। संजय राठौर द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने का कार्य किया जाता रहा हैं।
तत्कालीन तहसीलदार के मिलीभगत से बड़े झाड़ की जंगल का पट्टा जारी कर दिया गया हैं और इस जमीन की खरीदी–बिक्री का कार्य किया गया। बता दें कि हम जिस जमीन की बात कर रहे हैं वह जमीन 1994– 95 के राजस्व अभिलेख रिकॉर्ड में बड़े झाड़ के जंगल के नाम पर दर्ज और सबसे खास बात यह है कि इस जमीन से संबंधित दस्तावेज संबंधित पटवारी रिकॉर्ड से गायब कर दिए गए हैं। इस जमीन के संबंध में पटवारी रिकॉर्ड में कोई भी रिकार्ड मौजूद नहीं है इस जमीन के मामले में रिकॉर्ड के लिए भू अभिलेख शाखा से ही जानकारी प्राप्त की जा सकती है। हमारे द्वारा जब इस जमीन के संबंध में जानकारी इकट्ठी की गई तो पता चला कि इस जमीन की बिक्री भी कई बार की जा चुकी है इस खसरा नंबर के चार हिस्से हो चुके हैं इस जमीन में तहसीलदार के अलावा पटवारी और राजस्व निरीक्षक(RI) भी बराबर के साझेदार हैं और उनके द्वारा भी इस जमीन घोटाले में अपने हाथ रंग लिए गए हैं।
जिन जमीन दलालों के द्वारा इस जमीन का पट्टा बनवाया गया हैं उस पर तहसीलदार संजय राठौर की विशेष मेहरबानी बनी हुई हैं और कई शासकीय जमीनों का फर्जी तरीके से उनके नाम नामांतरण किया गया हैं। इस जमीन में एक अन्य जमीन दलाल का नाम शामिल हैं जिसके द्वारा इस जमीन की खरीदी बिक्री का कार्य किया गया हैं उनके नाम पर भैयाथान क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में कई शासकीय जमीनों के फर्जीवाड़े किए गए हैं।



