हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : तहसीलदार लटोरी सुरेंद्र साय पैंकरा द्वारा अपने पद का दुरुपयोग अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु करते हुए शासन की छवि धूमिल की गई हैं। शासन से प्राप्त जमीनों (शासकीय मद की भूमि) की रजिस्ट्री उनके द्वारा करवा दी गई है, जबकि शासन के नियमानुसार इन जमीनों की रजिस्ट्री के पूर्व शासकीय मद से प्राप्त भूमि की बिक्री के लिए कलेक्टर से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। इस संबंध में हिंद स्वराष्ट्र समाचार पत्र की संपादक मृण्मयी पाण्डेय द्वारा संभाग आयुक्त से शिकायत की गई हैं। उल्लेखनीय हैं कि तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा द्वारा भू–राजस्व की धारा 165/7 (ख) का साफ तौर पर उल्लंघन किया गया हैं, जिस संबंध में तहसीलदार सुरेंद्र साय पैंकरा से बयान लिए जाने पर उनके द्वारा इसकी पुष्टि भी की गई थी साथ ही त्रुटिवश हस्ताक्षर होने की बात स्वतंत्र रूप से स्वीकारी गई थी।
इनके द्वारा एक नहीं बल्कि 6 जमीन की रजिस्ट्री नियंविरुद्ध तरीके से करवा दी गई हैं और कुछ के नामांतरण भी कर दिए गए हैं।
उनके द्वारा जिन जमीनों की रजिस्ट्री बिना कलेक्टर परमिशन के कर दी गई हैं :
1.दिनांक 29/03/2024 को उक्त अधिकारी द्वारा लटोरी तहसील अंतर्गत ग्राम लटोरी के विक्रेता कृष्ण कुमार तिवारी आत्मज बद्री विशाल तिवारी के जमीन खसरा नंबर 421/2 की चौहद्दी निर्माण कर क्रेता सरिता राजवाड़े आत्मज अरविंद राम के नाम रजिस्ट्री करवा दी गई।
2.दिनांक 28/03/2024 को उक्त अधिकारी द्वारा लटोरी तहसील अंतर्गत ग्राम लटोरी के विक्रेता गीता सिंह पति राघवेंद्र सिंह के जमीन खसरा नंबर 114 की चौहद्दी निर्माण कर क्रेता त्र्यंबक गुप्ता आत्मज उदयचंद्र गुप्ता के नाम रजिस्ट्री करवा दी गई।
3.दिनांक 21/04/2023 को उक्त अधिकारी द्वारा लटोरी तहसील अंतर्गत ग्राम लटोरी के विक्रेता नूरुल हसन आत्मज एम.आर. अंसारी के जमीन खसरा नंबर 213/2 की चौहद्दी निर्माण कर क्रेता सविता कुंडू पति शंभू कुंडू के नाम रजिस्ट्री करवा दी गई। इस जमीन के नामांतरण का कार्य भी पूर्ण कर दिया गया हैं।
4.दिनांक 27/05/2025 को उक्त अधिकारी द्वारा लटोरी तहसील अंतर्गत ग्राम लटोरी के विक्रेता सुमन प्रसाद सिंह आत्मज आनंद राम के जमीन खसरा नंबर 211/2 की चौहद्दी निर्माण कर क्रेता संतोष कुमार सिंह आत्मज अंकेश्वर सिंह के नाम रजिस्ट्री करवा दी गई।
5.दिनांक 30/05/2024 को उक्त अधिकारी द्वारा लटोरी तहसील अंतर्गत ग्राम लटोरी के विक्रेता रवि रंजन श्रीवास्तव आत्मज विजय कुमार श्रीवास्तव के जमीन खसरा नंबर 1129/3 की चौहद्दी निर्माण कर क्रेता डिम्पल राजवाड़े पति राकेश राजवाड़े और एक अन्य क्रेता मोहर लाल चेरवा आत्मज रामसुंदर चेरवा के नाम रजिस्ट्री करवा दी गई।
आपको बता दें कि इन 6 रजिस्ट्रियों में से कुछ के नामांतरण के कार्य भी पूर्ण कर लिए गए हैं।
खबर प्रकाशन के बाद अपनी चोरी छिपाने भेजा गया था वैधानिक नोटिस
इससे पहले आपको बता दे कि तहसीलदार लटोरी द्वारा हिंद स्वराष्ट्र की संपादक को वैधानिक नोटिस भी भेजा गया था जिसमें उनके द्वारा झूठी खबर प्रकाशित करने के आरोप लगाते हुए 10 लाख रुपए की मांग की की गई थी, लेकिन आपको बता दे कि हमारे द्वारा कोई भी झूठी खबर प्रकाशित नहीं की गई थी ना ही कोई खबर बिना साक्ष्य के प्रकाशित की गई थी। कमिश्नर सरगुजा को दिए गए आवेदन में भी हमारे द्वारा रजिस्ट्री के कागजों समेत उक्त जमीनों के शासकीय मद के होने के भी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं।
भ्रष्टाचार की देवी की संरक्षण में फल फूल रहे थे तहसीलदार देखने का विषय होगा अब की क्या सरगुजा कमिश्नर से शिकायत के बाद इन पर हो सकेगी कोई कार्रवाई..? या मुख्यमंत्री के करीबी होने का ट्रंप कार्ड उन्हें इस जांच/कार्यवाही से भी रखेगा मुक्त..??



