क्या कलेक्टर सूरजपुर को देर रात फोन करने की पत्रकार को मिलेगी सजा..?? कलेक्टर के तानाशाही रवैये ने खड़े किए कई सवाल…

0

हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर/ भैयाथान : देर रात कलेक्टर सूरजपुर को फोन करना एक पत्रकार की गले का फांस बन गया हैं। देर रात कॉल करने की वजह से उसे लगातार बसदई चौकी पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा था। पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर पत्रकार द्वारा सरगुजा संभाग आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक से आवेदन कर इस मामले से उसे बचाने की मांग की गई थी लेकिन बावजूद इस मामले में आज बसदई पुलिस द्वारा पत्रकार को घर से उठा लिया गया हैं।

क्या था मामला

दरअसल भैयाथान विकासखंड के ग्राम सिरसी के मुकेश गुप्ता जो कि हिंद स्वराष्ट्र समाचारपत्र के ब्लॉक प्रतिनिधि हैं और एक पशु पालक भी हैं। उनकी एक बकरी बीमार थी जिसके इलाज के लिए मुकेश पशु विभाग अस्पताल पहुंचे थे जहां पशु विभाग के डॉक्टर अस्पताल में ताला लगाकर अस्पताल से नदारत थे। जिसके बाद उनके द्वारा किसी तरह से दूरभाष के माध्यम से डॉक्टर से संपर्क किया गया इस पर डॉक्टर द्वारा उन्हें शाम 4 से 5 के बीच में आने स्वयं या फिर मुकेश गुप्ता को अपने पशु को लेकर अस्पताल आने की बात कही गई लेकिन पशु चिकित्सक द्वारा लापरवाही करते हुए बकरी के इलाज के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए जिस पर मुकेश गुप्ता द्वारा डॉक्टर से संपर्क करने के कई प्रयास किए गए लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। चुकी एक पशुपालक के लिए किसी पशु की जान की कीमत बहुत अधिक होती है इसलिए उनके द्वारा इस संबंध में सूरजपुर कलेक्टर से बात की गई सूरजपुर कलेक्टर द्वारा रात के 11:30 बजे पशु विभाग से किसी कर्मचारी को भेजा गया लेकिन कर्मचारी द्वारा बकरी को इंजेक्शन लगाते ही बकरी की मौत हो गई। इस संबंध में जानकारी देने के लिए मुकेश गुप्ता द्वारा कलेक्टर सूरजपुर को कॉल किया गया जिस पर कलेक्टर भड़क गए और उनके द्वारा कहां गया कि ” बकरी मर गई तो मैं क्या करूं और तुम होते कौन हो तुम्हारी औकात कैसे हुई मुझे इतनी रात को कॉल करने की..??” जिस पर मुकेश गुप्ता द्वारा एक आम नागरिक होने की बात कही गई और फोन रख दिया। लेकिन मुकेश गुप्ता द्वारा रात्रि 12:00 बजे कलेक्टर को फोन करना कलेक्टर सूरजपुर को नागवार गुजरा और उनके द्वारा पुलिस को मुकेश गुप्ता को उठाने के आदेश दे दिए गए इसके बाद बसदई पुलिस द्वारा मुकेश गुप्ता के घर लगातार छापेमारी की गई और उनके अनुपस्थिति में मुकेश गुप्ता की पत्नी से अभद्रता की गई। इसी बीच पुलिस के लगातार छापेमारी के कारण गुप्ता द्वारा अंबिकापुर पहुंचकर संभाग आयुक्त नरेंद्र दुग्गा और पुलिस महानिरीक्षक दीपक झा से इस मामले की शिकायत की गई और मामले से उन्हें बचाने की मांग की गई, लेकिन डीएम के आदेश के आगे बसदई पुलिस कहां पीछे हटने वाली थी उनके द्वारा आज दिनांक 27 सितंबर 2025 को पत्रकार मुकेश गुप्ता को उनके घर से उठा लिया गया है।

                         उठ रहे कई सवाल

क्या किसी लोक सेवक को देर रात फोन करना कोई अपराध है?

क्या फोन कॉल करने मात्र से पत्रकार को चौकी में बैठा देना तानाशाही रवैया को नहीं दर्शाता ??

जब इस मामले में कलेक्टर द्वारा आवेदन नहीं दिया गया है सिर्फ मौखिक आदेश से क्या पुलिस को अधिकार मिल जाता है किसी को उठा लेने का??

क्या हिंद स्वराष्ट्र और हिंद स्वराष्ट्र की टीम को तोड़कर जिला प्रशासन कर रहा अपने बचाव का प्रयास??

आपको बता दे कि पिछले कुछ दिनों पूर्व हमारे द्वारा भैयाथान विकासखंड के ग्राम सिरसी के कई मामले उठाए गए थे और दोषियों पर कार्यवाही भी करवाया गया था, लेकिन इन सब के पीछे मुकेश गुप्ता का हाथ होने की आशंका लगातार अधिकारियों द्वारा जताई जा रही थी जिसके बाद उन पर इस तरह की कार्रवाई करना कहीं ना कहीं इसे उस मामले से जोड़ता है। ऐसे में अब सवाल यह भी उठ रहा हैं कि क्या अब अधिकारी भी आम नागरिकों की तरह खुन्नस खा कर बैठे रहते हैं।

पुलिस की गलतफहमी ने बिगाड़ा मामला

दिनांक 17 सितंबर 2025 की रात को मुकेश गुप्ता द्वारा अपनी पत्नी और अपने नंबर से कलेक्टर से बात की गई थी और अपना परिचय भी दिया गया था, लेकिन बसदई पुलिस द्वारा लापरवाही पूर्वक मुकेश कुमार गुप्ता के पड़ोसी विजय कुमार गुप्ता को इस मामले में उठा लिया गया, जिससे मुकेश गुप्ता और उनके पड़ोसी विजय कुमार गुप्ता के बीच विवाद की स्थिति बन गई और विजय कुमार गुप्ता द्वारा बसदई चौकी में मुकेश कुमार गुप्ता के विरुद्ध उनके नाम का इस्तेमाल कर कलेक्टर से बात करने का आवेदन दे दिया गया हैं। सूत्र बताते हैं कि इसी मामले में पुलिस द्वारा उन्हें चौकी में बैठाया गया हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here