हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : अंबिकापुर शहर के एक निजी अस्पताल की लापरवाही से महिला मरीज की मौत का एक मामला सामने आया हैं। जहां डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा एक मासूम को अपनी जान गंवा कर चुकानी पड़ी हैं। दरअसल मामला अंबिकापुर के आशीर्वाद हॉस्पिटल का हैं। मृतिका के परिजनों का आरोप हैं कि आशीर्वाद हॉस्पिटल की डॉक्टर कंचन माझी द्वारा 13 जुलाई को मृतिका के बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया और 2 दिन तक उसका इलाज किया गया, दो दिन बाद महिला की तबीयत बिगड़ने पर बिना सूचना के ही अंबिकापुर के DHT care हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। जहां महिला की स्थिति में सुधार न आने पर महिला को रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने महिला की स्थिति को देखते हुए बताया कि महिला के पूरे शरीर में इन्फेक्शन फैल चुका हैं और उसको बचा पाना संभव नहीं हैं। डॉक्टरों द्वारा इलाज में असमर्थता जताने पर परिजन महिला को लेकर वापस घर लौट रहे थे इसी दौरान महिला की मृत्यु हो गई।
मृतिका के पति बाल चंद प्रसाद गुप्ता ने मीडिया को दिया बयान
मृतिका के पति बालचंद गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा अपनी पत्नी का सोनोग्राफी कराया गया सोनोग्राफी के रिपोर्ट में बच्चादानी में इन्फेक्शन निकला जिसके बाद उनके रिस्तेदार सुभास गुप्ता ने उनको बताया की अंबिकापुर के आशीर्वाद हॉस्पिटल में भर्ती करा दीजिए वहा का इलाज ठीक है। इसके बाद उनके द्वारा आशीर्वाद हॉस्पिटल के डॉक्टर से संपर्क किया गया तो डॉक्टर ने उनको महिला का इलाज कर उसे ठीक कर देने और इसमें लगभग 50-55 हज़ार का खर्च आने की बात कही। रविवार की सुबह 10 बजे महिला को ऑपरेशन के लिए ले जाया गया और महिला का ऑपरेशन डॉ कंचन माझी द्वारा किया गया। अगले दिन सोमवार से महिला की तबियत बिगड़ने लगा। महिला का ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा लेकिन डॉक्टर ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया बस दवाई लिख कर चले गए। अगले दिन मंगलवार को जब अचानक हालत ज़्यादा बिगड़ने लगा तो महिला को पुनः ऑपरेशन थ्रिएटर में ले जाया गया और जब डॉक्टर से हालत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया सब ठीक फिर तत्काल परिजनों को बिना सूचना दिए एम्बुलेंस बुला कर महिला को रेफर कर दिया गया। डॉक्टर से इस संबंध में जानकारी मांगने पर डॉक्टर ने बताया की मैं इसको DHT care हॉस्पिटल में दो दिन के लिए भेज रहा हूँ फिर नार्मल हो जाएगा, लेकिन DHT केयर हॉस्पिटल में भी महिला के हालत में कोई सुधार नहीं आया और तीन घंटे बाद हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा जवाब दे दिया और रायपुर के रामकृष्ण हॉस्पिटल के लिए रेफेर कर दिया जब परिजन महिला को लेकर रायपुर पहुचे तो वहा के डॉक्टर के बताया की इन्फेक्शन पूरे शरीर में फेल चुका है जहाँ ऑपरेशन हुआ था वही से डैमेज हो गया और वहाँ से भी जवाब दे दिया गया जिसके बाद घर वापसी के दौरान उनकी पत्नी की मौत हो गई।
डॉ आदित्य सिंह आशीर्वाद हॉस्पिटल के संचालक
हमारे हॉस्पिटल में 12/7/25 को मरीज़ मधु गुप्ता एडमिट हुई थी जिसका अगले दिन डॉक्टर कंचन माझी के द्वारा ऑपरेशन किया गया था ऑपरेशन के बाद मरीज़ की हालत बेहतर थी और उसके जीजीएल दी भी ठीक थी फिर रात में मरीज़ का हल्का बीपी ऊपर नीचे हुआ था फिर अगले दिन जीवित अवस्था में एमआईसीयू के लिए डीएचटी केयर हॉस्पिटल के लिए रेफेर किया गया। हमारे यहाँ आईसीयू की पूरी व्यवस्था है, अगर हमे लग रहा है की मरीज़ को वेंटी की जरूरत पड़ेगी तो हम हायर सेंटर में रेफेर करेंगे और हमने डीएचटी हॉस्पिटल चोपड़ापारा के लिए रेफेर किया।
6 महीने के भीतर आशीर्वाद हॉस्पिटल में लापरवाही और मौत की 2 घटनाएं
यह कोई पहला मामला नहीं है जब आशीर्वाद हॉस्पिटल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा हो इससे पहले भी आशीर्वाद हॉस्पिटल पर लापरवाही के आरोप लगते रहें हैं। कुछ महीने पूर्व भी आशीर्वाद हॉस्पिटल में एक महिला का ऑपरेशन किया गया था और आनन फानन में उसे गायत्री हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया था जहां इलाज के दौरान उस महिला की भी मृत्यु हो गई थी। ऐसे में 6 महीने में दो मौत की घटना ने अस्पताल प्रबंधन पर कई सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
डॉक्टर आदित्य सिंह के पास नहीं हैं सर्जरी का अधिकार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉ आदित्य सिंह ने आयुर्वेदिक की पढ़ाई की हैं और उनके पास एलोपैथिक चिकित्सा करने का कोई भी सर्टिफिकेट नहीं है। वही डॉक्टर आदित्य सिंह अपने आप को MS बताते हैं और उनके द्वारा कई मरीजों का ऑपरेशन किया गया हैं।
ऐसे में अगर सूत्रों से मिली जानकारी सही है तो आशीर्वाद हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर आदित्य सिंह के सर्टिफिकेट की जांच होनी चाहिए और यदि वे भ्रामकता फैलाते हुए लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, तो उन पर उचित कार्रवाई भी होनी चाहिए।
नर्सिंग होम एक्ट के नियमों की अनदेखी कर संचालित हो रहा अस्पताल
आशीर्वाद हॉस्पिटल में सरेआम नर्सिंग होम एक्ट के नियमों की अनदेखी की जा रही है और मनमाने तरीके से हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा है। जहां एक और नर्सिंग होम एक्ट के अनुसार प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर के नाम,पदनाम, योग्यता पंजीयन आदि का विवरण देना अनिवार्य होता है वहीं दूसरी ओर आशीर्वाद हॉस्पिटल में डॉक्टरो के संबंध में कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
क्या हैं नियम
छत्तीसगढ़ नर्सिंग होम एक्ट के अनुसार प्राइवेट अस्पतालों को अपने यहां कार्यरत सभी डॉक्टरों की एक अद्यतन सूची रखनी होगी। इस सूची में डॉक्टरों के नाम, पदनाम, योग्यता, पंजीकरण क्रमांक और अनुभव का विवरण शामिल होना चाहिए। यह सूची अस्पताल के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जानी चाहिए ताकि मरीज़ों को आसानी से जानकारी मिल सके।
