हिंद स्वराष्ट्र बलरामपुर : जिले से एक दिल को दहला देने वाली खबर निकल के सामने आई है जहां एक अंधविश्वासी व्यक्ति ने अंधविश्वास में आकर अपने बच्चे के इलाज के लिए एक मां की गोद सूनी कर दी। आरोपी को यह अंधविश्वास था कि किसी बच्चे की बली दिए जाने से उसके बच्चे की तबीयत ठीक हो जाएगी इस अंधविश्वास में आकर उसने एक तीन साल के मासूम की जान ले ली। दरअसल मामला जिले के सामरीपाठ थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सबाग की हैं जहां एक युवक ने अपने बच्चे की मिर्गी की बीमारी को ठीक करने के लिए एक 3 साल के मासूम बच्चे की बलि चढ़ा दी। यह घटना 1 अप्रैल 2024 की हैं जब आरोपी द्वारा बच्चे को अकेला देखकर बिस्किट खिलाने के बहाने अपने साथ अपने घर ले जाकर छुरी से बच्चे की गर्दन काट दी गई थी जिसका खुलासा अब आरोपी की गिरफ्तारी के बाद हो गया हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मामले में पुलिस की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है आरोपी का नाम राजू कोरवा है। बताया जा रहा है कि उसके बेटे को मिर्गी की बीमारी रहती थी और वह मानसिक रूप से कमजोर भी था। आरोपी के मन में यह बात बैठ गई थी कि अगर वह किसी दूसरे के बच्चे की बलि चढ़ा देता है तो उसका बेटा ठीक हो जाएगा। 1 अप्रैल 2024 को आरोपी ने एक बच्चे को अकेले खेलते देखा तो बिस्किट खिलाने के बहाने वह बच्चे को अपने घर ले गया और घर में ले जाकर बच्चें की बलि चढ़ा दी। बताया जा रहा हैं कि घटना के बाद आरोपी द्वारा बच्चे के सर को अपने घर में तीन दिन तक रखा गया था और बच्चें के शरीर को कहीं ले जाकर जला दिया था। तीन दिन बाद जब परिजन और पुलिस बच्चें की तलाश करने लगे तो डर के मारे उसने बच्चे के सर को कपड़े से ढक कर जमीन में दफना दिया था।
वही इस मामले में पुलिस की टीम गुम इंसान का मामला दर्ज कर बच्चे की तलाश कर रही थी, विवेचना के दौरान ही पुलिस को मुखबिर से एक सुराग हाथ लगा और फिर से उसने राजू कोरवा को हिरासत में लेकर जब कड़ाई से पूछताछ किया तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी के निशानदेही पर गड्ढे को खुदवाया तो वहां से खोपड़ी के कुछ अवशेष मिले हैं। बताया जा रहा हैं कि पुलिस ने एक बार संदेह के आधार पर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया था लेकिन पुलिस को कुछ भी हासिल नहीं हुआ था।
