हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : कोई राजस्व अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए किस हद तक अपने पद और पावर का दुरुपयोग कर सकता है, इसका जीता जागता उदाहरण भैयाथान तहसीलदार संजय राठौर है। संजय राठौर द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने आप को हाई कोर्ट से भी ऊपर रखते हुए हाईकोर्ट में लंबित जमीन मामले की जमीन का फर्जी तरीके से बंटवारा कर दिया और इस फर्जी बंटवारे के लिए इनाम के तौर पर मिली जमीन अपनी पत्नी शारदा राठौर के नाम पर रजिस्ट्री करवा ली।
एकतरफा बंटवारा करने बदले ली बेशकीमती जमीन
भैयाथान तहसील कार्यालय में विद्यमान तहसीलदार साहब और उनके कुछ विश्वसनीय भूमि दलाल बेखौफ होकर अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए भोले भाले भूमि स्वामियों को रातों रात भूमिहीन कर रहे है। सामूहिक खाते के हिस्से की जमीन से हिस्सेदारों का नाम गायब कर फर्द बंटवारा करके अपने विश्वसनीय भूमि दलालों व अपनी पत्नी के नाम जमीन करा लेते हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को कलेक्टर जनदर्शन में आया है जिसमें भी वर्तमान में सर्वाधिक विवादास्पद तहसीलदार संजय राठौर का नाम जुड़ा हुआ है ,जिस मामले को लेकर जिला के आला आधिकारी भी सकते में आ गए है और अपने अधीनस्थ अधिकारी के कारनामों के बारे में कुछ भी बोलने में असहज लग रहे है ।
कलेक्टर जनदर्शन में महेन्द्र दुबे,सतीश दुबे,रविशंकर दुबे,राजेश दुबे ,रामकृपाल दुबे ने तहसीलदार संजय राठौर और अन्यों पर इतने गम्भीर आरोप प्रमाण सहित लगाये हैं जिससे जिला प्रशासन भी सकते में आ गया है।
आवेदकों ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि उनकी सम्मिलित खाते की भूमि ग्राम कोयलारी, तहसील भैयाथान, जिला सूरजपुर में स्थित है और इसके बंटवारा विषयक प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में विचाराधीन हैं , इसके बावजूद भी तहसीलदार संजय राठौर ने बहुमूल्य भूमि के लालच में एक कथित आपसी समझौता के आधार पर और उसमें भी कुछ के फर्जी हस्ताक्षर, फर्जी पता दिखाकर अपने चहेतों को अधिक भूमि लाभ देते हुये उनके पक्ष में एकतरफा बंटवारा आदेश दे दिया और बदले में पुरुस्कार स्वरूप तीस डिसमिल भूमि अपनी पत्नि शारदा राठौर के नाम अन्तिम आदेश दिनांक 07-03-2025 से पूर्व ही 05-02 -2025 को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से प्राप्त कर ली।
आवेदकों ने बंशवृक्ष लगाया है जिसमें उल्लेख किया है जिस भूमि का यह मामला है वह भूमि क्षेत्र के ब्राह्मण बालगोविन्द दुबे के वंशजों की है जिसके वास्तविक उत्तराधिकारियों को सूचना तक नहीं दी गई, सहमति लेना तो बहुत ही दूरगामी विषय है वहीं आवेदकों ने अपने आवेदन में यह भी लिखा है की कुछ उत्तराधिकारियों के फर्जी पता सहित फर्जी हस्ताक्षर संजय राठौर के विश्वसनीय दलाल ने किया है साथ ही यह भी आरोप लगाया है की फर्द बंटवारा में उन व्यक्तियों के भी हस्ताक्षर हैं जो न इस सम्मिलात भूमि के खातेदार हैं,न ही हकदार।
आवेदकों ने आवेदन में उल्लेख किया है कि सम्मिलात खाते सम्बन्धित दो प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में विचाराधीन हैं जिसमें पक्षकार महेन्द्र दुबे वगैरह प्रति गंगा देवी वगैरह के प्रमुख पक्षकार महेन्द्र दुबे सहित उनके भाईयों को इस बंटवारा में सम्मिलित करना संजय राठौर ने उचित नहीं समझा और न ही उन्हें एक इंच भूमि ही इस बंटवारा में दिया है। आवेदन में लिखा है कि विरेन्द्र दुबे, देवीप्रसाद दुबे, शिवम दुबे सहित अन्यों को एकतरफा भूमि लाभ देकर देवचन्द दुबे के सहयोग से प्रकरण के अन्तिम आदेश देने से पूर्व प्रकरण के विचाराधीन स्थिति में रहते हुए तीस डिसमिल भूमि शारदा राठौर के नाम प्राप्त करने के बाद ही संजय राठौर ने अन्तिम आदेश दिया ।बंटवारा का अन्तिम आदेश 07/03/2025 को होता है और उससे पूर्व ही 05/02/2025 को सम्मिलात खाते की ही भूमि जिसका खसरा नम्बर 19/1 है उसमें से तीस डिसमिल भूमि अपनी पत्नी शारदा राठौर के नाम से रजिस्ट्री करा ली जाती हैं ।एकतरफा बंटवारा प्रकरण में लाभप्राप्ति पश्चात ही वे रिकार्ड दुरुस्ती का ज्ञापन देते हैं।
फर्द बंटवारा प्रपत्र को भी लेकर आवेदकों ने तहसीलदार साहब पर आरोप लगाते हुए बताया है कि फर्द बंटवारा सीट पर वास्तविक खातेदारों के हस्ताक्षर ही नहीं हैं और जो है वह भी फर्जी हस्ताक्षर हैं वहीं साथ में यह भी लिखा है की तहसील कार्यालय के ऑर्डर शीट और फर्द बंटवारा में देवचंद दुबे ,त्रिनेत्र दुबे ,उपेंद्र का सहमति में हस्ताक्षर लेकर फर्द बंटवारा किया गया है जो कि संबंधित जमीनों के खातेदार ही नहीं है और न ही हकदार है।
तहसीलदार भैयाथान पर आरोप लगाते हुए यह भी उल्लेख किया है कि विधिक नियमों की धज्जियां उड़ा कर फौत हो चुके खातेदारों किशुन राम दुबे व ओंकार नाथ दुबे की मृत्यु का उल्लेख किये बिना ही तथा उनके वैध उत्तराधिकारियों का नाम दर्ज किये बिना ही तथा उनको सूचित किये बिना ही उनके वास्तविक अंश को न देकर देवचन्द दुबे के सहयोग से विरेन्द्र दुबे, देवीप्रसाद दुबे, शिवम दुबे सहित अन्यों को एकतरफा लाभ दिया गया है ।
वहीं इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों का भी कहना है की तहसीलदार संजय राठौर के हौसले इतने बुलंद हैं कि माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में बंटवारा प्रकरण लम्बित होने की स्थिति में भी उनके द्वारा एक तरफा फर्द बंटवारा किया गया जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि साहब को उच्च न्यायालय की अवमानना का भी तनिक भी भय नहीं है न्यायालय को उन्होंने अपने घर की खेती बना लिया है जब मन किया बोया जब मन किया काटा।
आवेदकों ने जिलाधीश महोदय को सम्पूर्ण प्रमाण देते हुये इस एकतरफा बंटवारा को निरस्त करते हुये तहसीलदार संजय राठौर सहित विरेन्द्र दुबे, देवीप्रसाद दुबे, शिवम दुबे, देवचन्द्र व इसमें संलिप्त अन्यों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की मांग की है।
