हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : भ्रष्ट पूर्व सीएमएचओ रनसाय सिंह और उनके 4 सहयोगियों के विरुद्ध सूरजपुर पुलिस द्वारा लाखों रुपए गबन मामले में अपराध दर्ज किया गया हैं। पुलिस द्वारा रनसाय सिंह मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी सूरजपुर, जेम्स कुमार बेक लिपिक सहायक वर्ग-02 , विजय सिन्हा सेवानिवृत् लेखपाल , सकिरन दास फार्मासिस्ट ग्रेड 02, आशीष कुमार बोस यूनिक इंडिया दन्तेवाडा के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B-IPC, 419-IPC, 420-IPC, 467-IPC, 468-IPC, 471-IPC के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
दरअसल आवेदक जयंत चौधरी प्रोपराईटर युनिक इंडिया कम्पनी रायपुर द्वारा डा. रनसाय सिंह पूर्व मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी सूरजपुर, जेम्स बेक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय सुरजपुर जिला सूरजपुर, आशीष कुमार बोस पिता ए.के. बोस निवासी आर.ई.एस कालोनी थाना बचेली जिला दन्तेवाड़ा के विरूद्ध कान्ट्रेक्ट के अनुसार काम पूरा होने के बाद भुगतान राशि 83,21,000 रू का धोखाधड़ी कर गबन की शिकायत पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक सूरजपुर से की गई थी उसके बाद पुलिस द्वारा मामले की जांच की गई और जांच में शिकायत सही पाए जाने पर गबन के पांचों आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया है।
आरोपियों द्वारा मिलीभगत कर लाखों का किया गया गबन
आरोपियों द्वारा जिला चिकित्सालय सूरजपुर में केन्द्रीय कृत ऑक्सीजन प्लॉट की स्थापना का काम करने वाले वास्तविक निविदा फर्म जयंत चौधरी यूनिक इंडिया कम्पनी ,ग्राउंड प्लोर शाप नम्बर जी 13 प्रज्ञा काम्पलेक्स पण्डरी रायपुर जीएसटी नम्बर 22AGNPC9076B1ZM के जगह पर इसी नाम से मिलते जुलते आशीष कुमार बोस के फर्म यूनिक इंडिया कम्पनी, दन्तेवाडा छ.ग. जीएसटी नम्बर 22ALNPB1746L2Z5 के एक्सिस बैंक के खाता क्रमांक 92102********** में दिनांक 05.01.2022 राशि 50,00,000 रूपये एव दिनांक 31.01.2022 राशि रूपये 31,85,881 रू कुल रूपया 81.85,881 रू का भुगतान किया था।
अपने कार्यकाल में हमेशा विवादों में घिरे रहे
तत्कालीन सीएमएचओ रनसाय सिंह अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा विवादों में घिरे रहे उनके द्वारा किए गए कई घोटालों की खबरें सामने आती रही लेकिन विधायक के दामाद होने के कारण उनके ऊपर कभी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई, लेकिन जैसे ही कांग्रेस की सरकार गई उनके कारनामों की परते खुलने लगी है और उन पर कार्रवाइयों का दौर शुरू हो गया है। आपको बता दे की डॉक्टर रनसाय सिंह के cmho बनने से लेकर विवाद शुरू हुआ और उनके कार्यकलापों पर हमेशा प्रश्न चिन्ह उठते रहे। इनके द्वारा किए गए 20 वाहन चालकों की भर्ती मामले ने भी उनकी खूब फजीहत की थी।
