झोलाछाप चांदसी डॉ दंपत्ति का कारनामा खोल डाली ओपीडी करते है बच्चों से लेकर बड़े बूढ़ों का इलाज,,ना है लाइसेंस न हैं ज्ञान…

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भटगांव हिंद स्वराष्ट्र : हमारे देश में दिन प्रतिदिन झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है, पहले तो चोरी छुपे झोलाछाप डॉक्टर दबी में लोगों का इलाज करते थे अब तो हद ही हो गई है कि ऐसे फर्जी और झोलाछाप डॉक्टर बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग के साथ ओपीडी खोलकर बैठ चुके हैं। इन झोलाछाप डॉक्टरों को प्रशासन का अंश मात्र भी भय नहीं है,जो ऐसे झोलाछाप लोगों की जिंदगी से चंद पैसों के लिए खिलवाड़ कर रहे। ऐसे चांदसी डॉक्टर लक बाय चांस तुक्का मारकर लोगों का इलाज करते हैं जिसमे मरीज के ठीक होने और उसकी तबियत और अधिक खराब होने की संभावना 50/50 होती हैं, ऐसे तथाकथित झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का ऐसा तुक्का मार कर इलाज करते हैं जिसमें ठीक हुए तो घर नहीं तो शमशान वाली बात होती है। हम बात कर रहे हैं भटगांव स्थित चंद्रा पॉलिक्लिनिक की, जहां चांद सी डॉक्टर अमूल्य चंद्रा द्वारा क्लीनिक खोलकर वहां ओपीडी का संचालन किया जा रहा है वहां छोटे बच्चों से लेकर बड़े तक का इलाज किया जाता है या यूं कहें उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जाता है सबसे बड़ी बात यह है कि वहां अमूल्य चंद्रा की पत्नी द्वारा भी लोगों का इलाज किया जाता है जबकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमूल्य चंद्रा की पत्नी द्वारा केवल प्राथमिक शिक्षा ही ली गई है उनके पास किसी भी प्रकार का मेडिकल नॉलेज नहीं है।आखिर इन चांदसी झोलाछापों को कोई क्यों नहीं यह समझाता की किसी बात की जानकारी होना अलग बात है और उस विषय पर विशेषज्ञ होना अलग बात है।

पत्नी भी करती हैं सभी रोगों का इलाज। हम आपको बता दे की अमूल्य चंद्रा के अलावा उनकी पत्नी भी सभी प्रकार के रोगों की स्पेशलिस्ट डॉ की तरह अपने मनमाने तरीके से सभी रोगियों का इलाज करती हैं। बिना मेडिकल के ज्ञान के ही वो अपने आपको सभी विभागों की स्पेशलिस्ट समझती हैं शायद तभी बिना किसी झिझक के खुलेआम लोगो का इलाज करती हैं। लोगो को मेडिसिन देने के अलावा इंजेक्शन भी लगवाती हैं।

तथाकथित पत्रकारों से दिलाता है धमकी
जब हमने इस मामले में अमूल्य चंद्रा से फोन में मामले की जानकारी लेनी चाही तो उनके द्वारा एक तथाकथित पत्रकार वरुण रॉय से फोन करवाकर हमें मारने पीटने तथा अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अनेक गालियां दिलवाई तथा अपने आप को सूरजपुर जिले का पत्रकार भी बताया जिसके बाद कुछ समय बाद उस व्यक्ति से प्रधान संपादक महोदया की बात हुई तो वह अपने किए से भयभीत होते हुए माफी मांगी एवं बताया कि मैं पत्रकार नहीं हूं मैंने पहले पत्रकारिता जरूर की थी लेकिन अब मैं नहीं हूं पत्रकार। कुछ ऐसे कुकृत्य करके अमूल्य चंद्रा बचना चाहता है तथा सच लिखने वाले पत्रकारों को डराने की नाकाम कोशिश करते है।

कलेक्टर से लेकर एसडीएम तक आते हैं हमारे पास
भटगांव में स्थित चंद्रा पॉलीक्लिनिक बेहद ही फर्जी तरीके से संचालित हो रहा है यहां पर एक भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है और नहीं कोई प्रिसक्राइब डॉक्टर बैठता है यहां पर तथाकथित फार्मेसिस्ट अमूल्य चंद्रा और उनकी पत्नी बैठकर पॉलीक्लिनिक को संचालित करते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर अमूल्य चंद्रा की पत्नी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त है, जिसे फार्मेसिस्ट बता कर अमूल्य चंद्रा अपने पॉलीक्लिनिक में बैठाते है, चंद्रा पॉलीक्लिनिक क्लीनिक के नाम पर एक व्यवसायिक स्थान बना हुआ है जिस पर केवल लोगों की जिंदगी के साथ तुक्का मार इलाज होता है। क्योंकि एक फार्मासिस्ट को केवल डॉक्टर से मिले पर्ची के अनुसार दवाई देना होता है ना कि लोगों का इलाज करना। जब इस संबंध में हमने अमूल्य चंद्रा से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा मैं किसी तरह से फर्जीवाड़ा नहीं कर रहा हूं मेरे यहां कलेक्टर एसडीएम सभी आते जाते हैं, मैं किसी भी तरीके से फर्जी नहीं हूं अपने 40 साल के एक्सपीरियंस का धौस दिखाते हुए अमूल्य चंद्रा ने कहा कि मैं 40 सालों से लोगों का इलाज कर रहा हूं और आप लोग केवल न्यूज़ छाप सकते हैं मेरा कुछ उखाड़ नहीं सकते आप लोग न्यूज़ लगाइए मैं अधिकारियों से सेटिंग कर लूंगा।

हम अपने न्यूज के माध्यम से बताना चाहेंगे की हम लोगो में जागरूकता लाने और सच का साथ देने वाले पत्रकार हैं। जो किसी का कुछ बिगाड़ने या उखाड़ने के लिए पत्रकारिता नहीं करते हैं बल्कि हम सच की आवाज हैं जब जहां जिसके द्वारा गलत कार्य किया जायेगा हम उनके खिलाफ आवाज अवश्य उठाएंगे

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