गैंगरेप और आत्महत्या मामले में लापरवाही, ASI सस्पेंड, थानेदार लाइन हाज़िर…

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हिंद स्वराष्ट्र बलरामपुर :  बलरामपुर– रामानुजगंज जिले के सनावल थाना क्षेत्र में डबल गैंगरेप और महिला के आत्महत्या के मामले में लापरवाही बरतने पर सनावल थाना प्रभारी उप निरीक्षक गजपति मिर्रे को आईजी दीपक झा ने लाइन अटैच कर दिया हैं, वही विवेचना करने वाले एएसआई रोशन लकड़ा को निलंबित कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के गढ़वा की एक महिला शादी करके सनावल थाना अंतर्गत एक गांव में आई थी, महिला का पति राजस्थान में काम करने गया हुआ था। इसी दौरान महिला का अपने मायके के पास के गांव में रहने वाले एक युवक से बातचीत शुरू हो गया। दोनों फोन पर बातचीत करते थे और दोनों के मध्य प्रेम प्रसंग भी शुरू हो गया। दूसरे युवक से फोन पर बात करने की जानकारी मिलने पर महिला के पति ने उसे फोन कर डांटा भी था और पराए पुरुष से बात करने से इंकार किया था पर महिला नहीं मानी। इसी बीच तीन सितंबर को महिला का कथित प्रेमी उससे मिलने झारखंड से सनावल थाना क्षेत्र आया था। उसने महिला को गांव के बाहर के जंगल में मिलने बुलाया। महिला अपनी 16 वर्षीया नाबालिग भतीजी के साथ अपने प्रेमी से मिलने गई थी। जहां महिला का प्रेमी अकेले नहीं आया था बल्कि अपने साथ अपने दो और साथियों को लाया था। जंगल में जब महिला अपने प्रेमी से मिलने पहुंची तो महिला के प्रेमी और उसके दोनों साथियों ने महिला और उसकी भतीजी से गैंगरेप किया और उन्हें घायल अवस्था में जंगल में छोड़कर भाग निकले। बताया जा रहा है कि नाबालिग लड़की से सिर्फ एक आरोपी ने गैंगरेप किया और इस दौरान महिला को दो आरोपियों ने पकड़ रखा था और वह घटना को देखते रहे। जिसके बाद तीनों आरोपियों ने मिलकर महिला से गैंगरेप किया था। घायल अवस्था में महिला ने मोबाइल से फोन कर अपने परिचित ग्रामीण को जंगल में गिरने से चोट लगने की बात कह बुलाया और घर ले जाने की बात कही। महिला ने घर पहुंचने के चार दिनों बाद सात सितंबर को गैंगरेप की घटना से दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी।

इस मामले में सनावल पुलिस द्वारा सिर्फ मर्ग कायम कर घटना की सामान्य तरीके से जांच की गई। घटना की मुख्य गवाह नाबालिग पीड़िता का भी कथन नहीं लिया गया। यदि उसी दिन कथन लिया जाता तो गैंगरेप की बात उसी समय सामने आ जाती और उसी हिसाब से फिर एफआईआर और पीएम की कार्यवाही की जा सकती थी। पर पुलिसकर्मियों की लापरवाही के चलते सामान्य तरीके से पोस्टमार्टम भी हो गया। आत्महत्या करने वाली महिला के पिता ने झारखंड के अपने गृहग्राम से आकर थाने में अपनी बेटी की रेप के बाद हत्या किए जाने का आवेदन भी देने का प्रयास किया गया पर थाना प्रभारी ने उनका आवेदन नहीं लिया। इसके बाद 10 अक्टूबर को मृतका के पिता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई।

जिसके बाद यह मामला सरगुजा रेंज आईजी दीपक झा के संज्ञान में आया। उन्होंने मामले का परीक्षण किया जिसमें जानकारी मिली की घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध दर्ज नहीं हुआ है और नहीं गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ है। मामले की मुख्य गवाह नाबालिक बच्ची का कथन भी नहीं लिया गया है जिसके चलते मामले की सच्चाई सामने नहीं आ सकी हैं। पोस्टमार्टम भी रूटिन प्रक्रिया से निपटा दिया गया हैं। घटना के तीन माह विलंब से नाबालिग पीड़िता का कथन दर्ज हुआ तो सच्चाई सामने आई और मामले में अपराध दर्ज किया गया।

जिसे गंभीर लापरवाही मानते हुए आईजी दीपक झा ने बलरामपुर– रामानुजगंज जिले के सनावल थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर गजपति मिर्रे को अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने और लापरवाहीपूर्ण कृत्य के लिए लाइन अटैच कर दिया है। वही मामले की विवेचना कर रहे एएसआई रौशन लकड़ा को निलंबित कर दिया है।

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