इतने सारे मीडिया संस्थानों ने लगाई खबर पर तहसीलदार संजय राठौर को परेशानी सिर्फ तीन न्यूज़पेपर पर लगी खबर से,, आखिर क्यों??

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हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : भैयाथान तहसीलदार संजय राठौर द्वारा  बुजुर्ग जीवित महिला को मृत बताकर सौतेले बेटे के साथ साठगांठ कर जमीन की अफरा तफरी की गई। जमीन के लालच में उन्होंने अपने पद की प्रतिष्ठा को धूमिल किया जिसकी खबर हमारे द्वारा प्रमुखता के साथ सभी साक्ष्यों के आधार पर लगाई गई। हिंद स्वराष्ट्र की खबर के बाद प्रशासन द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले की जांच कराई गई और मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के कारण संभाग आयुक्त नरेंद्र सिंह दुग्गा द्वारा उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

मामले में अभी पूरी जांच होना बाकी हैं तहसीलदार और उनके सहयोगियों के विरुद्ध अब तक अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया हैं। इतना कुछ होने के बावजूद तहसीलदार संजय राठौर की हेकड़ी कम नहीं हुई हैं और वे अपने बचाव के लिए हिंद स्वराष्ट्र की संपादक श्रीमती मृण्मयी पाण्डेय को वैधानिक नोटिस भेजकर 15 दिवस के भीतर तहसीलदार संजय राठौर के विरुद्ध चलाए गए खबर का खंडन छापने का फरमान सुना रहे हैं।

हिंद स्वराष्ट्र की खबर को व्हाट्सएप और फेसबुक स्टेटस में लगाने वाले पत्रकार को भी भेजा नोटिस

विनाश काले विपरीत बुद्धि को चरितार्थ करते हुए तहसीलदार संजय राठौर हिंद स्वराष्ट्र से इतना ज्यादा खुन्नस खा बैठे हैं कि एक पत्रकार जिसके द्वारा सिर्फ हमारी खबर को अपने फेसबुक और व्हाट्सएप स्टेटस पर लगाया गया उसे भी इनके द्वारा नोटिस भेज दिया गया।

अनेक मीडिया संस्थानों ने चलाई खबर लेकिन 3 समाचारपत्रों से हुई तकलीफ

तहसीलदार द्वारा किए गए कृत्य की जानकारी जब मीडिया संस्थानों को लगी तो कई समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और पोर्टलों द्वारा तहसीलदार के विरुद्ध खबर का प्रकाशन किया गया लेकिन तहसीलदार साहब को तकलीफ सिर्फ तीन मीडिया संस्थानों हिंद स्वराष्ट्र, सिंधु स्वाभिमान और एक अन्य समाचार पत्र में लगी खबर से हैं। इन तीनों समाचारपत्रों में लगी खबर उनके लिए गले में फंसी कच्ची मछली के समान लग रही हैं जिसे न तो वो निगल पा रहे हैं और न ही उगल पा रहे हैं।

सिंधु स्वाभिमान के संपादक को भी भेजा नोटिस

सिंधु स्वाभिमान समाचार पत्र के संपादक प्रशांत पाण्डेय को भी तहसीलदार द्वारा नोटिस भेजा गया है। तहसीलदार द्वारा उन्हें भी 15 दिवस के भीतर खबर का खंडन छापने का फरमान सुनाया गया है, पर सवाल यह उठता है कि जब प्रशासनिक आधार पर ही मामले की सत्यता की पुष्टि हो गई है तो फिर खंडन छपवा कर भी तहसीलदार साहब को कौन सी कामयाबी हाथ लग जाएगी।

2 COMMENTS

  1. सत्य दिखाने मे मत डरिएगा मेम हमेशा सत्य कि जीत हुआ है सत्य मेव जयते

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