अंबिकापुर के वर्तमान जिला न्यायालय से सटे शासकीय भूमि पर ही नवीन न्यायालय भवन का निर्माण हो- राजेश दुबे

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के महामंत्री एवं सरगुजा संभाग के प्रभारी अधिवक्ता राजेश दुबे ने  दिनांक सात नवंबर को कलेक्टर सरगुजा, जिला न्यायाधीश अंबिकापुर को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि माननीय  छग उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अंबिकापुर में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण के लिए भूमि चयन के संबंध में सन 2020 में माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति जो अंबिकापुर न्यायालय के पाल्य अधिकारी थे उनके अंबिकापुर प्रवास पर उनके साथ तत्कालीन जिला न्यायाधीश महोदय, तत्कालीन कलेक्टर एवं जिला अधिवक्ता संघ सरगुजा के उपस्थिति में सर्वसम्मति से यह तय हुआ कि वर्तमान न्यायालय भवन से सटे हुए आयु पूर्ण शासकीय भवन गुलाब कॉलोनी एवं आसपास के अतिक्रमित शासकीय भूमि का चयन किया गया था जिसका भूखंड क्रमांक 505/13 रकबा 2.59 एकड़ है पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त करने पर रकबा लगभग चार एकड़ होगा। उक्त भूमि के चयन होने के बाद भूमि का नक्शा, स्टीमेट, प्राक्कलन मंजूरी हेतु छत्तीसगढ़ शासन के पास भेजा गया जहाँ से 46,025,2000 रू राशि स्वीकृत हो चुकी है।
    राजेश दुबे ने आगे कहा कि हैरानी की बात तब हो गई जब कलेक्टर सरगुजा द्वारा पूर्व भूमि चयन एवं स्वीकृति के बावजूद अंबिकापुर शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर सूरजपुर जिले के सरहदी ग्राम चठिरमा में केंद्र सरकार के पुनर्वास मद की भूमि जिसका भूखंड क्रमांक क्रमशः 344,345 है को शासकीय मद में घोषित कर नवीन न्यायालय भवन निर्माण हेतु भूमि के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई जबकि राजस्व पुस्तक परिपत्र एवं केंद्र सरकार के पुनर्वास नीति एवं नियम के अनुसार कलेक्टर को केंद्र सरकार की पुनर्वास की भूमि जो एक विशेष प्रयोजन की भूमि है उसके मद को परिवर्तित करने का कोई अधिकार नहीं है उक्त मद की भूमि को राज्य सरकार केंद्र सरकार से अनुमति लेने के बाद ही भूमि के मद में परिवर्तन कर सकता है । ग्राम चठीरमा में पुनर्वास भूमि आवंटन नहीं रोके जाने के स्थिति में  विधानसभा एवं लोकसभा में इसकी गूंज सुनाई देगी जिसकी जवाबदेही कलेक्टर सरगुजा एवं राज्य सरकार की होगी। सरगुजा तत्कालीन कलेक्टर जी एस धनंजय के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर पुनर्वास की भूमि विक्रय की अनुमति दी गई थी मेरे पहल करने पर विधानसभा में इसकी गूंज उठी थी परिणाम स्वरूप सभी अनुमति निरस्त किए गए थे और कलेक्टर साहब का तत्काल तबादला हो गया था।
   राजेश दुबे ने कहा कि वर्तमान जिला न्यायालय के नजदीक ही समस्त राजस्व न्यायालय है, उपभोक्ता फोरम, परिवार न्यायालय है ऐसी स्थिति में अधिवक्ता एवं पक्षकारों को प्रकरणों में उपस्थिति सुविधाजनक होता है। ज्ञापन सौंपने में कांग्रेस विधि विभाग के जिलाध्यक्ष देवकांत त्रिवेदी,विनय पांडेय,इशरत सिद्दकी, के के मिस्त्री, प्यारेलाल यादव, मृत्युंजय जायसवाल, निखत कलीम, रेशमा परवीन सहित भारी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

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