तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा मुख्यमंत्री के करीबी रिश्तेदार, क्या यही रही वजह जो कार्यवाही के नाम पर सिर्फ 3 कारण बताओं नोटिस जारी कर सूरजपुर जिला प्रशासन ने झाड़ लिया अपना पलड़ा….??

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हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लटोरी तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के करीबी रिश्तेदार है और बताया जा रहा है कि वह रिश्ते में मुख्यमंत्री के भांजे लगते हैं। क्या यही वजह है जो उनके द्वारा किए गए अपने पद के दुरुपयोग के बावजूद सूरजपुर जिला प्रशासन द्वारा उन पर कार्य कार्यवाही करने की बजाय केवल तीन कारण बताओं नोटिस जारी कर अपना पलड़ा झाड़ लिया गया है। आपको बता दे कि लटोरी तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा द्वारा शासकीय मद से प्राप्त भूमि की रजिस्ट्री बिना कलेक्टर परमिशन और पटवारी प्रतिवेदन के कर दी गई है। कुछ एक जमीन ऐसी है जिनका नामांतरण भी हो गया है और कुछ के नामांतरण के कार्य अभी लंबित हैं। आपको बता दे की सुरेंद्र पैंकरा खुद इस बात को स्वीकार करते हैं कि उनके द्वारा गलती हुई है और उन पर दबाव डालकर यह कार्य करवाया गया हैं। लेकिन सोचने का विषय यह है कि जब वे एक तहसीलदार के पद पर बैठे हुए हैं तो उन पर कोई कैसे दबाव बना सकता है?? क्या क्रेता विक्रेता के पास तहसीलदार साहब की कोई ऐसी कमजोर नस है जिसे दबाकर जमीन दलाल और कुछ भूमाफिया अपना कार्य करवा लेते हैं। जबकि इन मामलों में नाम न छापने के एवज में एक क्रेता द्वारा हमें बताया गया है कि तहसीलदार साहब द्वारा यह कार्य किसी दबाव में आकर नहीं किया गया है बल्कि इसके लिए उन्होंने अपना सर्विस चार्ज भी लिया हैं।

माना एक रजिस्ट्री हो गई गलती से लेकिन क्या एक के बाद एक लगभग आधे दर्जन रजिस्ट्री तहसीलदार ने कर दिए अनजाने में…???

जब एक मामला सामने आया था तब तहसीलदार द्वारा इसे अपनी एक गलती बताया गया था लेकिन अब इतने सारे मामलों के सामने आने के बाद अब यह सवालिया निशान खड़ा हो रहा है, कि क्या एक के बाद एक अब तक हम तक पहुंचे आधे दर्जन रजिस्ट्री क्या तहसीलदार साहब ने अनजाने में कर दिए थे।

तहसीलदार साहब को कार्यवाही से नहीं न्यूज़ छपने से है परेशानी आखिर क्यों???

आपको बता दे की तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा के खिलाफ हमारे द्वारा जब खबरों का प्रशासन लगातार किया जा रहा था तब तहसीलदार साहब ने हमसे आग्रह किया कि हम चाहे तो उन पर कार्यवाही करवा दे लेकिन उनकी खबरें छाप कर उन्हें परेशान ना करें। दरअसल हिंद स्वराष्ट्र द्वारा लटोरी तहसीलदार के खिलाफ तीन खबरों का प्रकाशन किया गया था जिसके बाद एसडीएम सूरजपुर द्वारा उन्हें तीन कारण बताओं नोटिस जारी किए गए थे, कारण बताओं नोटिस से तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा काफी परेशान हो गए थे और उनका कहना है कि रोज-रोज नोटिस भिजवाने से अच्छा है कि हम एक बार में सारे मामलों को लेकर कलेक्टर महोदय से मुलाकात कर ले और उन पर कार्यवाही करवाना चाहे तो कार्यवाही करवा दे।

ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा कार्यवाही से नहीं डरते हैं बल्कि मीडिया से डरते हैं???

तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा को नहीं है कार्यवाही का डर लेकिन उच्च अधिकारियों को कार्यवाही करने में लग रहा डर आखिर क्यों???

तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा को कार्यवाही का कोई डर नहीं है, लेकिन उनके उच्च अधिकारी उन पर कार्यवाही के लिए डर रहे हैं?? इसके पीछे क्या कारण है यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी तो कुछ और ही कहानी बयां कर रही है सूत्रों की माने तो उच्च अधिकारी अगर तहसीलदार सुरेंद्र पर कार्यवाही का साहस करेंगे तो सीएम कॉन्टैक्ट के कारण कही इन अधिकारियों को भी इसकी सजा ना भुगतनी पड़ जाए यह सोचकर उच्च अधिकारी भी सुरेंद्र पैंकरा पर कार्यवाही का साहस नहीं जुटा रहे हैं।

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