हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : भैयाथान विकासखंड के विवादित निलंबित तहसीलदार संजय राठौर द्वारा अपने भैयाथान पदस्थापना के दौरान बहुत सारे कारनामे किए गए हैं जिनकी पोल कड़ी दर कड़ी खुलती जा रही हैं। उनके ऐसे ही एक कारनामे की पोल पीड़ित महिला और उनके परिजनों ने खोला हैं। दरअसल यह पूरा मामला भैयाथान विकासखंड का हैं, जहां एक व्यक्ति की 2 एकड़ जमीन उसके भाई के द्वारा फर्जी तरीके से अपने नाम करवा ली गई हैं। इस मामले में पीड़िता का आरोप हैं कि तहसीलदार द्वारा 5 लाख रुपए की रिश्वत लेकर उसके पिता की जमीन उसके चाचा के नाम पर की गई हैं। तहसीलदार पर कई संगीन आरोप लगाते हुए पीड़िता ने बताया कि तहसीलदार द्वारा उनसे रिश्वत की मांग की गई थी और कहां गया था कि पीड़िता के चाचा द्वारा उन्हें 5 लाख रुपए दिए गए हैं, इसके बाद उसके पिता की जमीन को उसके चाचा के नाम पर किया गया है, अगर वह इससे ज्यादा पैसे देगी तो उसकी जमीन उसे वापस कर दी जाएगी। इस जमीन के फर्जीवाड़े के लिए तहसीलदार द्वारा उसके पिता के जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया, साथ ही नामांतरण का कार्य भी नियम विरुद्ध जाकर बैक डेट पर किया गया है। पीड़िता का आरोप है कि तहसीलदार और उसके चाचा और उनके कुछ सहयोगियों के कारण उसके पिता की मृत्यु हुई क्योंकि उनके पिता अपने साथ हुए इस धोखाधड़ी को वे झेल नहीं पाए और उनकी तबीयत अचानक से बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।
पीड़िता ने बताया कि उन्होंने न्याय के लिए कलेक्टर, कमिश्नर यहां तक की मुख्यमंत्री तक को आवेदन दिया है लेकिन उसे अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। पीड़िता और उसके पूरे परिवार का कहना है कि अगर शासन प्रशासन द्वारा उनको न्याय नहीं दिलाया जाता है और उनकी जमीन उन्हें वापस नहीं दिलाई जाती है तो वे सभी सामूहिक रूप से आत्महत्या कर लेंगे।
