हिंद स्वराष्ट्र कोरिया राजन पाण्डेय : छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा हाफ बिजली बिल योजना में किए गए संशोधन को लेकर पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार के इस फैसले को गरीबों के हितों के खिलाफ बताते हुए इसे “जन विरोधी और धोखा देने वाला कदम” कहा।
गुलाब कमरों ने कहा कि, कांग्रेस सरकार के समय लागू की गई 400 यूनिट तक हाफ बिजली बिल योजना गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए राहत का माध्यम बनी थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे 100 यूनिट तक सीमित कर गरीबों झटका दिया है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लगातार जनहितैषी योजनाओं को या तो बंद कर रही है या उनका स्वरूप इस कदर बदल रही है कि वे सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएं।
कमरों ने कहा कि अब जिन उपभोक्ताओं की खपत 100 यूनिट से थोड़ी भी ज्यादा हो जाती है, उन्हें पूरी बिजली की दरों पर भुगतान करना होगा, जिससे हर महीने हजारों उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
सरकार वादा खिलाफी कर रही है। चुनाव से पहले बिजली बिल हाफ रखने की बात की और अब उसे इस तरह संशोधित कर रही है कि असल में कोई लाभ ही नहीं मिल पाए। यह सीधा-सीधा जनता के साथ धोखा है,” उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा।
उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल संशोधन को रद्द कर पुरानी 400 यूनिट तक की हाफ बिल योजना को बहाल करे, अन्यथा यह जनाक्रोश को न्यौता देने वाला फैसला साबित होगा।
क्या है संशोधन
ऊर्जा विभाग की ओर से जारी नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब हाफ बिजली बिल योजना का लाभ केवल 100 यूनिट तक की खपत पर ही मिलेगा। यदि उपभोक्ता की खपत 100 यूनिट से अधिक होती है, तो उस माह उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही, 6 माह से अधिक बकाया बिल होने पर भी उपभोक्ता योजना से बाहर हो जाएगा।
वहीं एकल बत्ती योजना के पात्र उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 30 से 100 यूनिट तक 50% की छूट पहले की तरह जारी रहेगी।
