बिना कलेक्टर परमिशन के हो रही शासन से प्राप्त जमीन की खरीद– बिक्री…बिना रजिस्ट्री हो गया नामांतरण!!! लटोरी तहसीलदार कारनामा part 3

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हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : लटोरी तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा द्वारा किस प्रकार से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से कई जमीन के दलालों और तहसीलदार के कुछ खास और चहेते लोगों की रजिस्ट्री और नामांतरण का कार्य किया गया हैं। इसका खुलासा हमारे द्वारा एक-एक कर लगातार किया जा रहा है। इससे पहले हमारे द्वारा लटोरी तहसीलदार की मेहरबानी से पटवारी टीकन कुमार राजवाड़े की पत्नी सरिता राजवाड़े और त्रयंबक प्रसाद गुप्ता आत्मज उदयचंद गुप्ता की रजिस्ट्री के मामले को उजागर किया गया था। इन दोनों रजिस्ट्री में आश्चर्य की बात यह रही कि इनकी रजिस्ट्री बिना कलेक्टर के परमिशन के और बिना पटवारी प्रतिवेदन के ही कर दी गई थी।

एक ओर जहां तहसीलदार अपने एक चहेते पटवारी की मदद करते हुए नजर आए है वही एक ऐसा मामला भी सामने आया  हैं जहां तहसीलदार द्वारा एक पटवारी की जमीन का ही नामांतरण बिना पटवारी के जानकारी के ही किसी और के नाम पर कर दिया गया है। दरअसल कथित विक्रेता नरुल हसन जो की एक पटवारी है उनका आरोप है कि तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा द्वारा न केवल शासन से प्राप्त जमीन का बिना कलेक्टर के परमिशन के ही नामांतरण कर दिया गया, बल्कि इसकी जानकारी उसे तक को नहीं लगने दी। आपको बता दे कि इस मामले में भूमि स्वामी/विक्रेता नूरुल हसन द्वारा तहसीलदार पर कई संज्ञीन आरोप लगाए गए हैं और उनका आरोप है कि तहसीलदार द्वारा बिना उनको जानकारी दिए क्रेता से साथ गांठ कर नामांतरण का कार्य कर दिया गया है। नूरुल हसन का कहना है कि उनके द्वारा क्रेता सविता कुंडू पति शंभू कुंडू को पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई थी उनके द्वारा जमीन की रजिस्ट्री नहीं की गई है, लेकिन तहसीलदार द्वारा नामांतरण का कार्य भी कर दिया गया है। यह कार्य कैसे हुआ इसके बारे में पटवारी नूरुल हसन को कोई जानकारी नहीं है और उनका कहना है कि वे इस मामले में तहसीलदार के विरुद्ध आवेदन देंगे और इस मामले की जांच करवाएंगे की किस तरह से यह नामांतरण का कार्य हुआ हैं।

हमारे पास लटोरी तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा के ऐसे कई कारनामों के पूरे साक्ष्य मौजूद है जहां उनके द्वारा बिना कलेक्टर परमिशन के ही कई जमीनों की रजिस्ट्री और नामांतरण कर दिए गए हैं। साथ ही तहसीलदार साहब कैसे हाई कोर्ट से ऊपर उठकर अपने आप को सुप्रीम कोर्ट मानते हुए किस तरह से हाई कोर्ट की अवमानना करते हैं इसका भी खुलासा हमारे अगले अंक में किया जाएगा।

 

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